अन्य नाटककार MCQ Quiz - Objective Question with Answer for अन्य नाटककार - Download Free PDF
Last updated on Jul 2, 2025
Latest अन्य नाटककार MCQ Objective Questions
अन्य नाटककार Question 1:
पारम्परिक लोकगीत ‘गोटे' को गाने में वाद्ययंत्र का प्रयोग होता है :
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 1 Detailed Solution
पारम्परिक लोकगीत ‘गोटे' को गाने में वाद्ययंत्र का प्रयोग होता है- ढाँक
Key Points
- ‘गोटे’ एक पारम्परिक लोकगीत है, जो मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र और इसके आसपास के क्षेत्रों में प्रचलित है।
- यह गीत आमतौर पर श्रमिकों, खेतिहर जीवन, और सामाजिक उत्सवों से जुड़ा हुआ है।
- लोकगीतों में वाद्ययंत्रों का प्रयोग उनकी लय और भाव को बढ़ाने के लिए किया जाता है। ‘गोटे’ गीत की विशेषता इसके ताल और मधुरता में है, और इसके साथ पारम्परिक वाद्ययंत्रों का उपयोग होता है।
Important Pointsढाँक-
- ढाँक एक पारम्परिक ताल वाद्य है, जो मध्य प्रदेश के निमाड़ और मालवा क्षेत्र में लोकगीतों के साथ प्रयोग किया जाता है।
- यह एक ड्रम जैसा वाद्य है, जो हाथों से बजाया जाता है और गीत की लय को मधुरता प्रदान करता है।
- ‘गोटे’ गीत की पारम्परिक शैली में ढाँक का प्रयोग प्रचलित है, क्योंकि यह श्रमिक जीवन और नृत्य के साथ तालमेल बनाता है।
Additional Informationरामतूला-
- रामतूला एक लोक वाद्य है, जो मुख्य रूप से बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रचलित है, और यह एक ताल वाद्य है।
बाँसुरी-
- बाँसुरी एक वायु वाद्य है, जो मधुर स्वर पैदा करता है और भारतीय शास्त्रीय संगीत में लोकप्रिय है।
एकतारा-
- एकतारा एक तंतु वाद्य है, जो मुख्य रूप से बंगाल, असम, और कुछ अन्य क्षेत्रों के लोकगीतों में प्रयोग होता है।
अन्य नाटककार Question 2:
बाबा स्वाँग में दर्शक होते हैं :
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 2 Detailed Solution
बाबा स्वाँग में दर्शक होते हैं- पुरुष और बच्चे दोनों
Key Points
- स्वाँग एक प्रकार का लोक नाट्य है जिसमें एक पात्र अनेक पात्रों का अभिनय करता है और दर्शक उसे देखते हैं।
- विशेष रूप से, विवाह के अवसर पर बारात के चले जाने के बाद, रात में वर पक्ष की महिलाएं "खोइयां" या "बाबा" के नाम से जो प्रदर्शन करती हैं, उसे भी स्वाँग कहा जाता है।
अन्य नाटककार Question 3:
निम्नलिखित लोकनाट्य को संबंधित क्षेत्र से सुमेलित कीजिए:
लोकनाट्य |
क्षेत्र |
||
(i) |
खोइया |
1. |
मालवा |
(ii) |
माच |
2. |
बघेलखण्ड |
(iii) |
ठोठ्या |
3. |
बुन्देलखण्ड |
(iv) |
छाहुर |
4. |
निमाड़ |
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर है- (i) - 3, (ii) - 1, (iii) - 4, (iv) - 2
Key Pointsसही सुमेलन है -
लोकनाट्य |
क्षेत्र |
||
(i) |
खोइया |
3. |
बुन्देलखण्ड |
(ii) |
माच |
1. |
मालवा बघेलखण्ड |
(iii) |
ठोठ्या |
4. |
निमाड़ |
(iv) |
छाहुर |
2. |
बघेलखण्ड |
अन्य नाटककार Question 4:
आदिवासियों को नृत्य में कतार बनाने की प्रेरणा मिली :
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 4 Detailed Solution
आदिवासियों को नृत्य में कतार बनाने की प्रेरणा मिली- कुरूल पक्षी से
Key Points
- आदिवासी भारतीय उपमहाद्वीप के निवासियों, आमतौर पर जनजातीय लोगों को संदर्भित करता है।
- यह शब्द एक आधुनिक संस्कृत शब्द है जिसे 1930 के दशक में राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा स्वदेशी मूल का दावा करके जनजातीय लोगों को एक स्वदेशी पहचान देने के लिए गढ़ा गया था।
- जनजातीय समुदायों की अनूठी जीवन शैली की बेहतर समझ को बढ़ावा देने के लिए, सरकारें आदिवासियों को रंगीन पोशाक, टोपी आदि पहनकर प्रदर्शित करती हैं।
- उदाहरण- कावंत, गुजरात के आदिवासी जनजातीय पुरुष, होली का त्योहार मनाने के लिए चेहरे और शरीर को सजाते, अलंकृत टोपी पहने हुए नृत्य करते हैं।
- यह आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने और भारत की विविधता का प्रतिनिधित्व करने में सहायता करता है।
Additional Information
- जनजातीय नृत्य :
- संथाली नृत्य
- मिजोरम का बांस नृत्य
- राजस्थान का कालबेलिया नृत्य
- मेघालय से शाद सुक मिन्सीम नृत्य
- कादर नृत्यम (केरल)
- भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (TRIFED) जनजातीय मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक राष्ट्रीय स्तर का सहकारी निकाय है।
- आदिवासी जनजातीय उत्पादों को बढ़ावा देने में सहायता करते हैं और जिससे आदिवासियों को आजीविका मिलती है।
अन्य नाटककार Question 5:
सूची-I से सूची-II का मिलान कीजिए:
सूची-I (रचनाकार) | सूची-II (रचना) |
---|---|
(A) वृन्दावनलाल वर्मा | (I) अंजो दीदी |
(B) उपेन्द्रनाथ 'अश्क' | (II) सेनापति ऊदल |
(C) उदयशंकर भट्ट | (III) मुक्तिपथ |
(D) सुदर्शन | (IV) अंजना |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है- (A) - (II), (B) - (I), (C) - (III), (D) - (IV)
Key Points
- वृन्दावनलाल वर्मा (1889-1969) ने "सेनापति ऊदल" (1909) लिखा, जिसे ब्रिटिश सरकार ने प्रतिबंधित किया था।
- उपेन्द्रनाथ 'अश्क' (1910-1996) ने "अंजो दीदी" (1954) लिखा, जो उनका सर्वश्रेष्ठ नाटक माना जाता है।
- उदयशंकर भट्ट (1898-1966) ने "मुक्तिपथ" (1944) लिखा।
- सुदर्शन (1895-1967) ने "अंजना" लिखा।
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इनमें किस विकल्प में रचना और रचनाकार सुमेलित नहीं हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'वैदेही वनवास-मैथिलीशरण गुप्त' है।Key Points
- 'वैदेही वनवास'(1940) अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' की रचना है,अतः विकल्प (3) वैदेही वनवास - मैथिलीशरण गुप्त सुमेलित नहीं है।
- हरिऔध को "आधुनिक काल का सूरदास" गणपति चंद्र गुप्त ने कहा।
- हरिऔध की अन्य काव्य रचनाएँ-कृष्ण शतक(1882),प्रियप्रवास(1914),चुभते चौपदे(1924),बालचर(1928),
रस कलश(1931),चोखे चौपदे(1932),पारिजात(1937),वैदेही वनवास(1940)।
उपन्यास-ठेठ हिंदी का ठाठ या देवबाला(1899),अधखिला फूल(1907)।
- हरिऔध का जन्म 1865ई. में हुआ था।
Additional Information
लेखक |
जन्म
|
रचनाएँ |
भारतेन्दु हरिश्चंद्र | 1850ई. |
उपन्यास-पूर्ण प्रकाश,चन्द्रप्रभा। नाटक-विद्यासुंदर(1868),पाखंड विडंबन(1872)कर्पूर मंजरी(1875),सत्य हरिश्चंद्र(1875),श्री चन्द्रावली(1876),विषयस्य विषमौषधम(1876),भारत जननी(1877),मुद्राराक्षस(1878),भारत दुर्दशा(1880),दुर्लभबंधु(1880),नील देवी(1881),अंधेर नगरी(1881)। काव्य-प्रेम मालिका,प्रेम सरोवर,गीत गोविंदानंद,भारत शिक्षा,वर्षा विनोद,प्रेम फुलवारी,वेणुगीत,प्रेम माधुरी,प्रेम तरंग,प्रेम प्रलाप,उत्तरभक्तमाल,दशरथ विलाप,विजयिनी विजय पताका,नए ज़माने की मुकरी,कृष्ण चरित्र। |
श्रीनिवासदास | 1851ई. |
उपन्यास-परीक्षा गुरु(1882)। नाटक-रणधीर प्रेममोहिनी(1877),तप्तासंवरण (1883),संयोगिता स्वयंवर(1886)। |
मैथिलीशरण गुप्त | 1886ई. |
काव्य-रंग में भंग(1909),जयद्रथ वध(1910),भारत-भारती(1912),किसान (1917),पंचवटी(1925),झंकार(1929),गुरुकुल (1929),साकेत(1931),यशोधरा(1932),द्वापर(1936),जयभारत(1952), विष्णुप्रिया(1957)। नाटक-अनघ,चन्द्रहास,तिलोत्तमा,निष्क्रिय प्रतिरोध,विसर्जन। |
राधिकारमण सिंह | 1890ई. |
कहानी-कानों में कंगना(1913),गाँधी टोपी(1938),सावनी समाँ(1938),नारी क्या एक पहेली?(1951),हवेली और झोपड़ी(1951),देव और दानव (1951),वे और हम(1956),धर्म और मर्म(1959),तब और अब(1958),अबला क्या ऐसी सबला?(1962),बिखरे मोती(भाग-1) (1965)। उपन्यास-राम-रहीम(1936),पुरुष और नारी(1939),सूरदास(1942),संस्कार(1944),पूरब और पश्चिम(1951),चुंबन और चाँटा(1957)। नाटक-धर्म की धुरी(1952),अपना पराया(1953),नजर बदली बदल गये नजारे(1961)। |
निम्नलिखित में से नुक्कड़ नाटक के विषय में क्या सही नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFकला के लिए कला, नुक्कड़ नाटक के बारे में सही नहीं है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) कला के लिए कला सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।Key Points
- नुक्कड़ नाटक कला के लिए कला नहीं है।
- जन सामान्य से जुड़ी समस्याएँ और उनका निराकरण नुक्कड़ नाटकों के लोकप्रिय विषय हैं। ये राजनीतिक, सामाजिक या सास्कृतिक हो सकते हैं।
- नुक्कड़ नाटक
- नुक्कड़ नाटक एक ऐसी नाट्य विधा है, जो परंपरागत रंगमंचीय नाटकों से भिन्न है।
- यह रंगमंच पर नहीं खेला जाता तथा आमतौर पर इसकी रचना किसी एक लेखक द्वारा नहीं की जाती, बल्कि सामाजिक परिस्थितियों और संदर्भों से उपजे विषयों को इनके द्वारा उठा लिया जाता है।
- भारत में आधुनिक नुक्कड़ नाटक को लोकप्रिय बनाने का श्रेय "सफ़दर हाशमी" को जाता है।
- उनके जन्म दिवस 12 अप्रैल को देशभर में राष्ट्रीय नुक्कड़ नाटक दिवस के रूप में मनाया जाता है
- बर्तोल्त ब्रेख्त बीसवीं सदी के एक प्रसिद्ध जर्मन कवि, नाटककार और नाट्य निर्देशक थे।
- द्वितीय विश्व-युद्ध के बाद ब्रेख्त ने अपनी पत्नी हेलेन विगेल के साथ मिलकर बर्लिन एन्सेंबल नाम से एक नाट्य मंडली का गठन किया और यूरोप के विभिन्न देशों में अपने नाटकों का प्रदर्शन किया।
संकलन-त्रय की नाट्य-अन्विति नहीं है
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - क्रिया। Key Points
- एकांकी में अन्विति अथवा संकलनत्रय के अंतर्गत काल, स्थान के साथ कार्य निर्वाह की गणना की जाती है।
- संकलन-त्रय-
- नाटक और एकांकी के क्षेत्र में तीन नाट्य-अन्वितियों काल, स्थान तथा कार्य के लिए प्रयुक्त पारिभाषिक शब्द है।
- कथावस्तु,चरित्र-चित्रण,संवाद,देश-काल,भाषा-शैली,उद्देश्य,अभिनेयता एवं संकलन-त्रय एकांकी नाटक के प्रमुख तत्त्व हैं।
- इनमें संकलन-त्रय का निर्वाह एकांकी और नाटक के लिए अनिवार्य है।
नाटक में पर्दे के पीछे से दी जाने बाली सूचना कहलाती हैः
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF- नाटक में पर्दे के पीछे से दी जाने वाली सूचना चूलिका कहलाती है ।
- नाटक , काव्य का एक महत्वपूर्ण रूप है ।
- चूलिका - नेपथ्य से दी जाने वाली सूचना ।
- नाटक के दो और भेद हैं - नाटिका तथा त्रोटक ।
- विषकम्भक - बीती हुई तथा आने वाली घटनाओं को सूचना देने वाला ।
- प्रवेशक - निम्न श्रेणी के सूचक पात्रों द्वारा बीती हुई तथा आने वाली घटनाओं की सूचना ।
- अंकास्य - अगला अंक प्रारंभ होने वाली सूचना का संकेत ।
Key Points
शास्त्रानुसार अर्थप्रकृति के प्रकार हैं :
(a) यत्न
(b) विमर्श
(c) बिन्दु
(d) बीज
निम्नलिखित में से सही विकल्प चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF- सही उत्तर विकल्प 3 है।
- 3 (C और D)
- बीज और बिंदु Key Points
- नाटक में वह चमत्कारपूर्ण बात जो कथावस्तु को कार्य की ओर बढ़ाने में सहायक होती है, अर्थ प्रकृति कहलाती है।
- यह पाँच प्रकार की कही गई है-
Important Points
कथा विन्यास के प्रकार -
अर्थ प्रकृति | बीज, बिंदु, पताका, प्रकारी, कार्य |
कार्यावस्था | प्रारम्भ, प्रयत्न, प्रत्याशा, नियताप्ति, फलागम |
संधियाँ | मुख, प्रतिमुख, गर्म, विमर्श, निर्वहन |
हिंदी की लोकनाट्यशैलियों को प्रदेशो के साथ सुमेलित कीजिए:
सूची - 1 |
सूची – 2 |
A. सांग |
I. उत्तरप्रदेश |
B. नौटंकी |
II. मालवा (मध्यप्रदेश) |
C. माच |
III. छत्तीसगढ़ |
D. नाचा |
IV. हरियाणा |
नीचे दिए गए विकल्पों मे से सही उत्तर चुनिए:
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFहिंदी की लोकनाट्य शैलियां और उनके प्रदेश-1) A-IV,B-I,C-II,D-III
Key Points
सूची - 1 |
सूची – 2 |
A. सांग |
IV. हरियाणा |
B. नौटंकी |
I. उत्तरप्रदेश |
C. माच |
II. मालवा (मध्यप्रदेश) |
D. नाचा |
III. छत्तीसगढ़ |
Important Points
- सांग नृत्य दस बारह व्यक्तियों द्वारा मंच पर एक साथ किया जाता है।
- उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्य में रासलीला,रामलीला,ख्याल,नौटंकी,नकाल,स्वांग,दादरा और चरकुला नृत्य शामिल हैं।
- लोक मानस के प्रभावी मंच माच को उज्जैन में जन्म मिला है।
- छत्तीसगढ़ के रायपुर,धमतरी,महासमुंद,दुर्ग,राजनांदगाँव आदि जिलों में नाचा व्यापक रूप से प्रचलित है।
Additional Information
- सांग नृत्य करने के लिए पुरुष स्त्रियों का रूप धारण करते हैं।
- उत्तरप्रदेश के लोक नृत्य में भगवान राम और कृष्ण जैसे दिव्य पात्रों की पौराणिक कहानियों का वर्णन किया गया है।
- माच मालवा-राजस्थान के व्यापक जनसमुदाय को आन्दोलित करता आ रहा है।
- नाचा अपने आप में एक पूर्ण विद्या है नाचा का उद्भव खड़े साज़ की गम्मत से हुआ है जो मराठा छावनियों में सैनिकों के मनोरंजन का साधन थी।
- छत्तीसगढ़ के अन्य लोकनाटक-भतरा,माओपाटा,पंडवानी,रहस हैं।
हिंदी के निम्नलिखित लोकमंचीय रूपों को प्रचलन की प्रमुखता के आधार पर प्रांतों से सुमेलित कीजिए :
सूची - I (लोकमंचीय रूप) |
सूची - II (प्रान्त) |
(a) सांग | (i) मध्यप्रदेश |
(b) विदेसिया | (ii) राजस्थान |
(c) माच | (iii) हरियाणा |
(d) खयाल | (iv) बिहार |
(v) गुजरात |
निम्नलिखित में से सही विकल्प चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFसही विकल्प-2) (a)-(iii),(b)-(iv),(c)-(i),(d)-(ii) है।
Key Points
लोकमंचीय रूप |
प्रान्त |
(a) सांग |
(iii) हरियाणा |
(b) विदेसिया |
(iv) बिहार |
(c) माच |
(i) मध्यप्रदेश |
(d) खयाल |
(ii) राजस्थान |
'ठोठ्यो' या 'ठोठ्या' लोकनाट्य के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है ?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF'ठोठ्यो' या 'ठोठ्या' लोकनाट्य के सन्दर्भ में कथन सत्य नहीं है- यह बघेलखण्ड का लोकनाट्य है।
'रम्भा मंजरी' नाटिका किस जैन कवि की रचना है ?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF'रम्भा मंजरी' नाटिका जैन कवि की रचना है - नयचन्द्र सूरि
Key Points
- 'रम्भा मंजरी' नामक ग्रंथ को नायकंद्रसूरी ने लिखा था,
- ये वसंतविलास (कविता और पहेलियों से जुड़ी रचना) के भी लेखक हैं।
Additional Informationशालिभद्र सूरि-
- ये अपने समय के प्रसिद्ध जैन आचार्य तथा अच्छे कवि थे ।
- शालिभद्र सूरि की 3 प्रमुख रचनाएं हैं-
- भरतेश्वर बाहुबली रास
- पंच पांडव चरित रास
- बुद्धि रास
जिनदत्त सूरी-
- जिनदत्त सूरी का प्रमुख ग्रंथ है- 'उपदेशरसायन रास'
- जिनदत्त सूरी ने 'उपदेशरसायन' की रचना 12 वीं शताब्दी में की थी।
- रास-काव्य-परंपरा की दृष्टि से यह ग्रंथ उल्लेखनीय है।
- 80 पद्यों का यह एक नृत्य गीत काव्य है, जिसमें रासलीला का वर्णन भी किया गया है।
श्री. अभयदेव सूरि-
- संवेग रंगशाला के रचयिता श्री जिनचन्द्रसूरि के पट्टधर नवांगी टीकाकार श्री अभयदेवसूरि हुए।
- आपका जीवन वृतांत हमें “प्रभावक चरित्र” नामक ग्रन्थ से प्राप्त होता है।
- अभयदेवसूरि एक जैन विद्वान थे जिन्होंने स्थानांगसूत्र सहित नौ जैन आगमों पर टीका लिखी है।
- 'तत्त्वबोधविधायिनी' उनके द्वारा रचित प्रसिद्ध टीकाग्रन्थ है जिसमें 25 हजार श्लोक हैं।
निम्नलिखित प्रतीकवादी नाटकों को उनके लेखकों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची - I | सूची - II | ||
(A) | विज्ञान गीता | (I) | सेठगोविन्ददास |
(B) | ज्योत्स्ना | (II) | देव |
(C) | नवरस | (III) | केशव |
(D) | देवमायाप्रपंच | (IV) | सुमित्रानंदन पंत |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFसही सुमेलन हैं-
सूची-। | सूची-।। |
(A)विज्ञान गीता | केशव |
(B)ज्योत्स्ना | सुमित्रानंदन पंत |
(C)नवरस | सेठगोविन्ददास |
(D)देवमायाप्रपंच | देव |
Key Points
- विज्ञान गीता(1610ई.) में रचित प्रबन्ध काव्य है,यह कृष्ण मिश्र के प्रसिद्ध नाटक 'प्रबोधचन्द्रोदय' का पद्यबद्ध अनुवाद है।
- ज्योत्स्ना-सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित रूपक जो 1933 में प्रकाशित हुई थी ।इसमे कवि पन्त की विचारधारा विकसित मानववाद तथा काल्पनिक समाजवाद के सामन्जस्य के रूप मे उत्कीर्ण हुई है।
- नवरस(1940ई.) एक नाट्य रूपक है।यह के।प्रगतिवादी नाटक है।
- देवमाया प्रपंच संस्कृत नाटक 'प्रबोधचन्द्रोदय' का पद्यबद्ध अनुवाद है।
Important Points
- देव कृत अन्य रचनाएँ-भाव विलास(1689ई.),प्रेमचन्द्रिका(1733ई.),शब्दरसायन(1743ई.),सुखसागर तरंग(1767ई.) आदि।
- केशव कृत अन्य रचनाएँ-रसिकप्रिया(1591ई.),कविप्रिया(1601ई.),रामचन्द्रिका(1601ई.),वीरसिंह देवचरित(1607ई.) आदि।
- सेठ गोविन्ददास कृत अन्य नाटक-पौराणिक : कर्तव्य (1935), कर्ण (1946), स्नेह या स्वर्ग (1946, गीतिनाट्य) ऐतिहासिक : कुलीनता (1927), हर्ष (1935),सामाजिक : विश्वप्रेम (1917), दुखी क्यों (1921), प्रकाश (1935) और नक्शे का रंग (1941) आदि।
- सुमित्रानंदन पंत कृत अन्य नाटक-रजत शिखर(1951ई.),शिल्पी(1952ई.) आदि।