निम्न में से कौन-सी बच्चों के समाजीकरण की द्वितीयक संस्थाएँ हैं?

(i) परिवार

(ii) मीडिया

(iii) धार्मिक संस्थाएँ

(iv) विद्यालय

This question was previously asked in
CTET Paper 1 - 3rd Jan 2022 (English-Hindi)
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  1. (i), (ii), (iv)
  2. (i), (iii), (iv)
  3. (ii), (iii), (iv)
  4. (i), (iv)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : (ii), (iii), (iv)
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CTET CT 1: TET CDP (Development)
10 Qs. 10 Marks 8 Mins

Detailed Solution

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समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से समुदाय अपने सदस्यों को सामाजिक रूप से स्वीकार्य होने के लिए समाज के मानदंडों और मूल्यों के बारे में शिक्षित करते हैं।

  • यह केवल व्यवहार के सामाजिक रूप से अनुमोदित तरीकों तथा आदर्श आकांक्षाओं को गम्भीरता से लेने को संदर्भित करता है।
  • समाजीकरण पहचान की बातचीत करने और स्वयं, पहचान, विभिन्न दृष्टिकोणों और व्यवहारों की अवधारणा को आकार देने की निरंतर प्रक्रिया है।
  • समाजीकरण में परिवार, स्कूल, सहकर्मी और मास मीडिया जैसे 4 प्रमुख एजेंट हैं। 

Key Points

समाजीकरण के प्रकार: प्राथमिक और द्वितीयक समाजीकरण सहित समाजीकरण मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं।

द्वितीयक समाजीकरण​

  • यह तब होता है जब शिशु बाल्यावस्था से गुजर जाता है और परिपक्वता मप्राप्त कर रहा होता है। 
  • यह उस प्रक्रिया को संदर्भित करता है जो बाद के वर्षों में विद्यालयों, सहकर्मी समूहों, मीडिया, धार्मिक संस्थानों आदि जैसी संस्थाओं के माध्यम से शुरू होती है।
  • इस चरण के दौरान परिवार से अधिक, समाजीकरण के कुछ अन्य कारक बच्चे के सामाजिककरण में भूमिका निभाने लगते हैं।

उदाहरण के लिए,

  • विद्यालय बच्चों को नए व्यवहार और नियम सिखाते हैं और उनसे उनके अनुसार कार्य करने की अपेक्षा करते हैं।
  • मीडिया विभिन्न ऑनलाइन पोर्टलों के माध्यम से बच्चों को दुनिया से सीधे बातचीत करने में मदद करती है।
  • किसी व्यक्ति के दृष्टिकोण, भाषण, रुचियों, उपस्थिति और व्यवहार पर सहकर्मियों का अधिक प्रभाव पड़ता है।
  • धार्मिक संस्थाएँ व्यक्तियों के बीच धार्मिक और सामाजिक मूल्यों को विकसित करती हैं।

अत:, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि मीडिया, धार्मिक संस्थान और विद्यालय समाजीकरण की द्वितीयक संस्थाएं ​​​​हैं।

Additional Information

प्राथमिक समाजीकरण:

  • यह शैशवावस्था और बाल्यावस्था के दौरान होता है। यह उस प्रक्रिया को संदर्भित करता है जहां बच्चे को प्रारंभिक बाल्यावस्था के वर्षों में परिवार के माध्यम से समाजीकृत किया जाता है।
  • यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि प्राथमिक समाजीकरण परिवार के भीतर होता है जब बच्चे पहली बार अपनी व्यक्तिगत पहचान सीखते हैं, भाषा सीखते हैं और प्रारंभिक संज्ञानात्मक कौशल विकसित करते हैं।
  • उदाहरण के लिए, एक परिवार में बहुत छोटे बच्चे को अपनी संस्कृति का बहुत कम ज्ञान होता है। यह परिवार के माध्यम से है कि बच्चे को पता चलता है कि क्या स्वीकार किया गया है और किसी विशेष समाज में क्या नहीं है।

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