Question
Download Solution PDFशीत युद्ध काल में कौन सी दो विचारधाराएँ संघर्ष में शामिल थी ?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर साम्यवाद और पूंजीवाद है।
व्याख्या: शीत युद्ध, जो 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति से लेकर 1991 में सोवियत संघ के विघटन तक चला, साम्यवाद और पूंजीवाद के बीच एक गहरे वैचारिक संघर्ष की विशेषता थी। यह अवधि दो मुख्य शक्तियों, संयुक्त राज्य अमेरिका (US) और सोवियत संघ (USSR) के बीच प्रत्यक्ष सैन्य संघर्ष से नहीं, बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में प्रतिद्वंद्विता, प्रतिस्पर्धा और अप्रत्यक्ष संघर्ष के तनावपूर्ण माहौल से चिह्नित थी।
Key Points
साम्यवाद: कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स ने एक वर्गहीन समाज को बढ़ावा दिया जिसमें उत्पादन के साधन (श्रम, भूमि और संसाधन) निजी व्यक्तियों या व्यवसायों के बजाय सामूहिक रूप से स्वामित्व में होंगे। इस विचारधारा ने साम्यवाद की नींव के रूप में कार्य किया क्योंकि इसे सोवियत संघ और उसके सहयोगियों द्वारा लागू किया गया था। सैद्धांतिक रूप से, राज्य समानता निश्चित करेगा तथा आवश्यकतानुसार संसाधनों का आवंटन करेगा। परन्तु, वास्तव में, सोवियत संघ में साम्यवाद की विशेषता एक अत्यंत केंद्रीकृत सरकार थी जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता और राजनीतिक असहमति का गला घोंटते हुए अर्थव्यवस्था और समाज के हर तत्व पर शासन करती थी।
पूंजीवाद: संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगी पूंजीवाद को बढ़ावा देते हैं, जो बाजार प्रतिस्पर्धा, लाभ-प्राप्ति और उत्पादन के साधनों के निजी स्वामित्व पर ध्यान देता है। बाज़ार का उद्देश्य पूंजीवादी व्यवस्था के तहत आवंटन निर्धारित करना है।
संघर्ष: शीत युद्ध के दौरान साम्यवाद और पूंजीवाद के बीच वैचारिक संघर्ष निम्लिखित प्रकार से प्रकट हुआ:
- सैन्य गठबंधन: अमेरिका ने उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) का नेतृत्व किया, जो पूंजीवादी देशों का एक सामूहिक रक्षा गठबंधन था, जबकि सोवियत संघ ने वारसॉ संधि का गठन किया, जो साम्यवादी राज्यों का एक समान गठबंधन था।
- हथियारों की प्रतिस्पर्धा: दोनों पक्ष हथियारों की प्रतिस्पर्धा में लगे हुए हैं, विशेष रूप से परमाणु हथियारों का विकास और भंडारण कर रहे हैं, जिससे "पारस्परिक रूप से सुनिश्चित विनाश" (MAD) की स्थिति पैदा हो गई है, जहां कोई भी पक्ष पूर्ण विनाश का सामना किए बिना इन हथियारों का उपयोग नहीं कर सकता है।
- अंतरिक्ष में प्रतिस्पर्धा: प्रतिस्पर्धा अंतरिक्ष अन्वेषण तक बढ़ गई, जिसका प्रतीक सोवियत संघ द्वारा 1957 में स्पुतनिक का प्रक्षेपण और 1969 में अमेरिका का चंद्रमा पर उतरना था।
- छद्म युद्ध: प्रत्यक्ष संघर्ष के बजाय, महाशक्तियाँ क्षेत्रीय संघर्षों, जैसे कोरियाई युद्ध, वियतनाम युद्ध और लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और एशिया में विभिन्न विद्रोहों में विरोधी पक्षों का समर्थन करके अप्रत्यक्ष संघर्षों में लगी रहीं।
- आर्थिक और तकनीकी प्रतिस्पर्धा: दोनों गुटों ने तीसरी दुनिया के देशों को तकनीकी नवाचार और सहायता के माध्यम से अपनी आर्थिक प्रणालियों की श्रेष्ठता प्रदर्शित करने की मांग की।
- प्रचार तथा सांस्कृतिक प्रभाव: दोनों पक्षों ने अपनी विचारधाराओं का विस्तार तथा वैश्विक समर्थन हासिल करने के लिए संचार माध्यम और सांस्कृतिक निर्यात का उपयोग किया।
Additional Information
- शीत युद्ध इतिहास का एक जटिल काल था, जहां साम्यवाद और पूंजीवाद के बीच वैचारिक लड़ाई ने न केवल अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बल्कि दुनिया भर के देशों की आंतरिक नीतियों और सामाजिक संरचनाओं को भी आकार दिया।
- 1991 में सोवियत संघ के पतन ने शीत युद्ध के अंत को चिह्नित किया, कई लोगों ने इस घटना को साम्यवाद पर पूंजीवाद और उदार लोकतंत्र की विजय के रूप में देखा।
Last updated on Jan 29, 2025
-> The Bihar STET 2025 Notification will be released soon.
-> The written exam will consist of Paper-I and Paper-II of 150 marks each.
-> The candidates should go through the Bihar STET selection process to have an idea of the selection procedure in detail.
-> For revision and practice for the exam, solve Bihar STET Previous Year Papers.