______ वह उपकरण है, जिसमें टर्मिनल गेट नहीं होते हैं।

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PGCIL DT Electrical 22 Aug 2021 Official Paper (NR III)
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  1. Diac
  2. Triac
  3. SCR
  4. FET

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : Diac
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20 Questions 20 Marks 15 Mins

Detailed Solution

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DIAC एक 2-टर्मिनल अर्धचालक उपकरण है और इसे प्रतिसमानांतर में जुड़े दो डायोड के बराबर माना जाता है।

DIAC:

  • DIAC वह डायोड है जो विद्युतीय धारा का चालन केवल इसके भंजन वोल्टेज (VBO) के तीव्रता से बढ़ने के बाद ही करता है। 
  • पद DIAC बड़े अक्षरों Diode से प्राप्त किया गया है जो AC (प्रत्यावर्ती धारा) पर कार्य कर सकता है। 
  • यह दो टर्मिनल वाला तीन-परतीय उपकरण है। 
  • DIAC एक द्विदिशी उपकरण है जो दोनों दिशाओं में विद्युत धारा का संचालन कर सकते हैं।
  • DIAC को लागू वोल्टेज की किसी भी ध्रुवीयता के लिए बंद अवस्था से चालू अवस्था तक परिवर्तित किया जा सकता है।
  • यह प्रति-समांनातर संयोजन में संयोजित दो PN जंक्शन डायोड के समकक्ष होता है।
  • DIAC भंजन वोल्टेज को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है और यह लगभग 40V होता है।
  • DIAC का उपयोग सामान्यतौर पर अन्य अर्धचालक स्विचिंग उपकरण मुख्य रूप से SCR और TRIAC के लिए ठोस-अवस्था वाले ट्रिग्गरिंग उपकरण के रूप में किया जाता है। 
  • DIAC निम्न शक्ति वाला एक उपकरण है जो उच्च शक्ति वाले अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त नहीं है। 
  • F1 U.B Madhu 8.11.19 D 12


SCR:

  • सिलिकॉन नियंत्रित दिष्टकारी थाइरिस्टर श्रेणी का पहला सदस्य है, इसे SCR कहा जाता है क्योंकि सिलिकॉन का प्रयोग दिष्टकारी के रूप में इसके संरचना और इसके संचालन के लिए किया जाता है और इसे नियंत्रित किया जा सकता है। 
  • यह तीन-टर्मिनल (एनोड, कैथोड, गेट) वाला चार-परतीय उपकरण है। 
  • SCR एक दिशाहीन उपकरण है। यह कैथोड से एनोड तक धारा प्रवाह को अवरोधित करता है। 
  • यह एक अर्ध-नियंत्रित उपकरण है क्योंकि हम केवल चालू अवस्था को नियंत्रित कर सकते हैं लेकिन बंद अवस्था को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। 
  • SCR भंजन वोल्टेज को गेट धारा को समायोजित करके नियंत्रित किया जा सकता है। 
  • SCR एक अधिक शक्ति वाला उपकरण है जिसका उपयोग अधिक शक्ति नियंत्रण वाले अनुप्रयोगों में किया जा सकता है। 
  • SCR का प्रयोग मुख्य रूप से चरण-नियंत्रित दिष्टकारी जैसे DC शक्ति के नियंत्रण के लिए किया जाता है। और इसका प्रयोग शक्ति आपूर्तियों की सुरक्षा के लिए भी किया जाता है। 
  • F1 S.B Shubham 02.06.20 D 16

 

TRIAC: 

  • TRIAC तीन टर्मिनलों वाला द्विदिश थाइरिस्टर है। 
  • TRIAC शब्द TRIode और AC (प्रत्यावर्ती धारा) से बड़े अक्षरों को संयोजित करके व्युत्पन्न शब्द है। 
  • इसका प्रयोग AC वोल्टेज विनियमकों जैसे AC परिपथों में शक्ति के नियंत्रण के लिए व्यापक रूप से किया जाता है। 
  • यह एक प्रतिसमानांतर संयोजन में संयोजित दो थाइरिस्टरों के गेट को एकसाथ जोड़कर उनके समकक्ष होता है। 
  • TRIAC व्यापक रूप से प्रकाशमंदक और मोटर गति नियंत्रण जैसे अनुप्रयोगों में किया जाता है।
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