DC Generators MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for DC Generators - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें
Last updated on Mar 25, 2025
Latest DC Generators MCQ Objective Questions
DC Generators Question 1:
4 - पोल डुप्लेक्स लैप बाइंडिंग में कितने समांतर पथ होते हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
DC Generators Question 1 Detailed Solution
लैप वाइंडिंग
लैप वाइंडिंग आर्मेचर वाइंडिंग का एक प्रकार है जिसमें कॉइल टर्मिनल इस तरह से जुड़े होते हैं कि समानांतर पथों की संख्या ध्रुवों की संख्या के बराबर होती है (सिमप्लेक्स वाइंडिंग के लिए) या इसके गुणज (मल्टीप्लेक्स वाइंडिंग के लिए)।
इस प्रकार की वाइंडिंग आमतौर पर उच्च-धारा, निम्न-वोल्टेज अनुप्रयोगों जैसे बड़े डीसी जनरेटर और मोटरों में उपयोग की जाती है।
लैप वाइंडिंग में समानांतर पथों की संख्या इस प्रकार दी जाती है:
A = P x m
जहाँ, A = समानांतर पथों की संख्या
P = ध्रुवों की संख्या
m = वाइंडिंग की बहुलता (सिमप्लेक्स के लिए 1, डुप्लेक्स के लिए 2, ट्रिप्लेक्स के लिए 3, आदि)
गणना
दिया गया है, P = 4
m = 2
समानांतर पथों की संख्या इस प्रकार दी जाती है:
A = 4 x 2
A = 8
DC Generators Question 2:
DC जनरेटर का कार्य सिद्धांत क्या है?
Answer (Detailed Solution Below)
DC Generators Question 2 Detailed Solution
संकल्पना:
- फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम जब भी किसी बंद चालक लूप द्वारा परिबद्ध क्षेत्र के माध्यम से चुंबकीय क्षेत्र का अभिवाह बदलता है, तो लूप में एक विद्युत वाहक बल उत्पन्न होता है।
- विद्युत वाहक बल \(\xi =- \frac{d\phi}{dt}\) ---- (1) द्वारा दिया गया है।
- समीकरण 1 द्वारा वर्णित नियम को फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम कहा जाता है।
- अभिवाह को कई तरह से बदला जा सकता है-
- लूप के स्थान पर चुंबकीय क्षेत्र B के परिमाण को बदला जा सकता है,
- लूप का क्षेत्रफल या,
- क्षेत्र-सदिश dS और चुंबकीय क्षेत्र B के बीच का कोण।
- इस प्रकार उत्पन्न विद्युत वाहक बल लूप के माध्यम से विद्युत अभिवाह को चलाता है। यदि लूप का प्रतिरोध R है, तो धारा है
- \(i=\frac{\xi}{R} = -\frac{1d\phi }{Rdt} \)
- परिवर्तनशील अभिवाह द्वारा विकसित विद्युत वाहक बल को प्रेरित विद्युत वाहक बल कहा जाता है और इस विद्युत वाहक बल द्वारा उत्पन्न धारा को प्रेरित धारा कहा जाता है।
व्याख्या:
- एक DC जनरेटर विद्युत जनरेटर का प्रकार है जो यांत्रिक ऊर्जा को प्रत्यक्ष धारा विद्युत में परिवर्तित करता है
- DC जनरेटर फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम के सिद्धांत पर आधारित विद्युत शक्ति उत्पन्न करते हैं।
- इस नियम के आधार पर, जब एक चालक चुंबकीय क्षेत्र में चलता है, तो चुंबकीय बल रेखाएँ कट जाती हैं। इससे चालक में विद्युत चुम्बकीय बल प्रेरण होता है।
- प्रेरित धारा की दिशा (फ्लेमिंग के दाहिने हाथ के नियम द्वारा दी गई) बदल जाती है क्योंकि चालक की गति की दिशा बदल जाती है।
Additional Information
- ओम का नियम बताता है कि दो बिंदुओं के बीच एक चालक के माध्यम से धारा दो बिंदुओं के बीच वोल्टेज के सीधे आनुपातिक होती है।
- V = IR
- जब किसी चालक से कुछ समय के लिए विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो चालक गर्म हो जाता है। इस प्रकार, विद्युत धारा के प्रवाह के कारण चालक का तापमान बढ़ना जूल के तापन के नियम के रूप में जाना जाता है
- H = I2RT
DC Generators Question 3:
एक चुंबकीय क्षेत्र में एक चालक के घूर्णन के कारण प्रेरित इ.एम.एफ. क्या होगा?
Answer (Detailed Solution Below)
DC Generators Question 3 Detailed Solution
गतिशील रूप से प्रेरित इ.एम.एफ.: जब चालक घूर्णन कर रहा होता है और क्षेत्र स्थिर होता है, तो चालक में प्रेरित इ.एम.एफ. को गतिशील रूप से प्रेरित इ.एम.एफ. कहा जाता है।
स्थिर रूप से प्रेरित इ.एम.एफ.: जब चालक स्थिर होता है और क्षेत्र बदल (परिवर्तनीय) रहा होता है, तो चालक में प्रेरित इ.एम.एफ. को स्थिर रूप से प्रेरित इ.एम.एफ. कहा जाता है।
DC Generators Question 4:
एक चुंबकीय क्षेत्र में एक चालक के घूर्णन के कारण प्रेरित इ.एम.एफ. क्या होगा?
Answer (Detailed Solution Below)
DC Generators Question 4 Detailed Solution
गतिशील रूप से प्रेरित इ.एम.एफ.: जब चालक घूर्णन कर रहा होता है और क्षेत्र स्थिर होता है, तो चालक में प्रेरित इ.एम.एफ. को गतिशील रूप से प्रेरित इ.एम.एफ. कहा जाता है।
स्थिर रूप से प्रेरित इ.एम.एफ.: जब चालक स्थिर होता है और क्षेत्र बदल (परिवर्तनीय) रहा होता है, तो चालक में प्रेरित इ.एम.एफ. को स्थिर रूप से प्रेरित इ.एम.एफ. कहा जाता है।
DC Generators Question 5:
एक पृथक उत्तेजित जनरेटर,क्षेत्र कुंडलन ____________में संयोजित होते हैं।
Answer (Detailed Solution Below)
DC Generators Question 5 Detailed Solution
- एक पृथक उत्तेजित जनरेटर को क्षेत्र कुंडलन को स्फूर्तिदायक एक स्वतंत्र dc बाह्य स्त्रोत की आवश्यकता होती है।
- एक पृथक उत्तेजित जनरेटर में क्षेत्र कुंडलन को dc बाह्य स्त्रोत के साथ श्रृंखला में संयोजित किया जाता है।
- स्थिर-स्थिति परिस्थिति में तुल्य परिपथ का निरुपण नीचे चित्र में दिखाया गया है।
स्थिर-स्थिति के अंतर्गत समीकरण निम्न है:
Vf = IfRt
Rt = Rf + Rext
Va = E + ILRa
IL = Ia
जहाँ Vf = बाह्य dc स्त्रोत
If = क्षेत्र कुंडलन धारा
Rt = बाह्य स्त्रोत पक्ष में शुद्ध प्रतिरोध
Rf = क्षेत्र कुंडलन प्रतिरोध
Va = भार में वोल्टेज
E = उत्पन्न emf
IL = भार धारा
Ia = आर्मेचर धारा
Ra = आर्मेचर प्रतिरोध
- जब क्षेत्र धारा को स्थिर रखा जाता है और आर्मेचर को एक स्थिर गति से घुमाया जाता है, तो एक आदर्श पृथक उत्तेजित dc जनरेटर में प्रेरित emf आर्मेचर धारा से स्वतंत्र होता है।
- जैसे कि भार धारा IL में वृद्धि होती है, टर्मिनल वोल्टेज घटता जाता है जैसा कि एक ठोस रेखा द्वारा दर्शाया गया है। यदि आर्मेचर प्रतिक्रिया की उपेक्षा की जाती है, तो Va में हृास रैखिक और Ra में वोल्टेज पात कार्बन ब्रश के बराबर होना चाहिए।
- हालाँकि, यदि जनरेटर को चुंबकत्व वक्र में नी बिंदु पर संचालित किया जाता है, तो आर्मेचर प्रतिक्रिया टर्मिनल वोल्टेज में अधिक पात का कारण बनता है।
Top DC Generators MCQ Objective Questions
लघु ____________कम्पाउंड जनरेटर DC जनरेटर का एक प्रकार है।
Answer (Detailed Solution Below)
DC Generators Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFDC मशीन का वर्गीकरण (जनरेटर/मोटर)
एक DC जनरेटर ______ के सिद्धांत पर काम करता है।
Answer (Detailed Solution Below)
DC Generators Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF- एक DC जनरेटर विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर काम करता है।
- जब DC धारा एक लंबे व सीधे चालक के माध्यम से गुजरती है तो एक चुंबकीकरण बल और एक स्थैतिक चुंबकीय क्षेत्र, इसके चारों ओर उत्पन्न होता है।
- यदि तार को कुंडल में कुंडलित किया जाता है तो चुंबकीय क्षेत्र अपने चारों ओर एक स्थैतिक चुंबकीय क्षेत्र का तीव्रता से उत्पादन करता है और बार चुंबक के आकार का निर्माण करता जो पृथक उत्तर और दक्षिण ध्रुव प्रदान करता है।
- फिर हम या तो तार को घुमाकर या चुंबकीय क्षेत्र को परिवर्तित करके कुण्डल के भीतर वोल्टेज और धारा को प्रेरित कर सकते हैं और इस प्रक्रिया को विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के रूप में जाना जाता है और यह dc जनरेटर के संचालन का मूल सिद्धांत है।
फैराडे का विद्युतचुंबकीय प्रेरण का प्रथम नियम बताता है कि जब भी एक चालक को परिवर्तिनशील चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है, तो emf प्रेरित होता है, जिसे प्रेरित emf कहा जाता है। यदि चालक परिपथ बंद होता है, तो धारा भी परिपथ के माध्यम से संचारित होगी और यह धारा प्रेरित धारा कहलाती है।
फैराडे का विद्युतचुंबकीय प्रेरक का द्वितीय नियम बताता है कि कुण्डल में प्रेरित emf का परिमाण कुण्डल के साथ ग्रंथित होने वाले फ्लक्स के परिवर्तन की दर के बराबर होता है। कुण्डल का फ्लक्स ग्रंथन कुण्डल में मोड़ों की संख्या और कुण्डल के साथ संबंधित फ्लक्स का गुणनफल होता है।
यह नियम एक जनरेटर के emf से संबंधित है।
DC मशीन के लिए, यदि विद्युत डिग्री यांत्रिक डिग्री से दोगुनी है, तो ध्रुव युग्म की संख्या कितनी है?
Answer (Detailed Solution Below)
DC Generators Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFसंकल्पना:
DC मशीन के विद्युत और यांत्रिक कोण के बीच संबंध इस प्रकार दिया गया है
विद्युत कोण = \(p\over 2\) × (यांत्रिक कोण). ---------(1)
जहाँ
P ध्रुवों की संख्या है
गणना:
दिया गया है
विद्युत कोण = 2 × (यांत्रिक कोण)
समीकरण 1 के साथ की तुलना करने पर
\(p\over 2\) = 2
P = 4
Hence,
Pole Pair = 2
यदि श्रृंखला कुंडली को आर्मेचर के साथ श्रृंखला में जोड़ा जाता है और फिर शंट कुंडली को संयोजन के समानांतर में रखा जाता है तो ऐसा संयोजन किस प्रकार का जनरेटर बनाएगा?
Answer (Detailed Solution Below)
DC Generators Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFआर्मेचर और क्षेत्र कुंडलियों के संयोजन के आधार पर DC जनरेटर को निम्न रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है:
DC मशीन के प्रकार |
परिपथ आरेख |
पृथक रूप से उत्तेजित DC जनरेटर |
|
DC शंट जनरेटर |
|
DC श्रृंखला जनरेटर |
|
DC लघु शंट यौगिक जनरेटर |
|
DC दीर्घ शंट यौगिक जनरेटर |
|
डी. सी. मशीन की आर्मेचर कोर __________ की बनी होती है।
Answer (Detailed Solution Below)
DC Generators Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर विकल्प 1):(लैमिनेशन या पटलन) है।
संकल्पना:
- D.C मशीन का आर्मेचर क्रोड लैमिनेशन से बना होता है
- आर्मेचर को लेमिनेशन के रूप में बेलनाकार उच्च-श्रेणी के सिलिकॉन स्टील में बनाया जाता है।
- इसलिए जब लेमिनेशन का उपयोग किया जाता है, तो भॅवर धाराओं का वृत्ताकार पथ समाप्त हो जाता है।
- उष्मा के कारण होने वाली हानियों को लेमिनेशन का प्रयोग कर के कम किया जा सकता है।
- भॅवर धारा हानि DC मोटर में आर्मेचर के लेमिनेशन करने का कारण है। यह इसे करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
दिए गए चित्र में दर्शाए गए जनरेटर के प्रकार की पहचान करें।
Answer (Detailed Solution Below)
DC Generators Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFपृथक रूप से उत्तेजित DC जेनरेटर:
- ये ऐसे जनरेटर हैं जिनके क्षेत्र चुंबक किसी बाहरी DC स्रोत, जैसे बैटरी से सक्रिय होते हैं।
- एक अलग से उत्तेजित DC जनरेटर का परिपथ आरेख नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है। नीचे दिए गए प्रतीक हैं:
श्रृंखला कुंडलित जनरेटर: इस प्रकार के जनरेटर में, क्षेत्र कुंडली को आर्मेचर चालक के साथ श्रृंखला में जोड़ा जाता है, जैसा कि नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है।
शंट कुंडलित DC जेनरेटर:
- इस प्रकार के DC जनरेटर में, क्षेत्र कुंडली को आर्मेचर चालक के साथ समानांतर में जोड़ा जाता है, जैसा कि नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है।
- शंट कुंडलित जनरेटर में क्षेत्र कुंडली में वोल्टेज टर्मिनल के पार वोल्टेज के समान होता है।
लघु शंट यौगिक कुंडलित DC जेनरेटर: लघु शंट यौगिक कुंडलित DC जेनरेटर होते हैं जहां केवल शंट क्षेत्र कुंडली आर्मेचर कुंडली के समानांतर होती है, जैसा कि नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है।
दीर्घ शंट यौगिक कुंडलित DC जेनरेटर: दीर्घ शंट यौगिक कुंडलित DC जेनरेटर होते हैं जहां शंट क्षेत्र कुंडली श्रृंखला क्षेत्र और आर्मेचर कुंडली दोनों के समानांतर होती है, जैसा कि नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है।
DC मशीनों में अंतर्ध्रुवों का उपयोग किसलिए किया जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
DC Generators Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF- अंतर्ध्रुव मुख्य क्षेत्र ध्रुवों के समान होते हैं तथा मुख्य क्षेत्र ध्रुवों के बीच योक पर स्थित होते हैं।
- उनमें आर्मेचर कुण्डली के साथ श्रेणी में कुण्डल होते हैं।
- अंतर्ध्रुव का आकार शंक्वाकार होता है अर्थात् इसमें चौड़ा आधार और ध्रुव का तल क्षेत्रफल कम होता है जो अनुगामी ध्रुव के सिरे के तहत अतिरिक्त वायु अंतराल फ्लक्स को कम करता है
- संतृप्ति से बचने के लिए मुख्य क्षेत्र ध्रुव के तहत वायु अंतराल की तुलना में अंतर्ध्रुव के तहत वायु अंतराल अधिक होता है
DC मशीन में अंतर्ध्रुवों के मुख्य रूप से दो कार्य होते हैं:
- आर्मेचर प्रतिक्रिया के कारण होनेवाले पारचुंबकीयकरण प्रभाव का स्वनिष्प्रभावन
- दिक्परिवर्तन से गुजर रही कुण्डली में प्रतिघात वोल्टेज का सामना करना तथा उसे निरस्त करना
महत्वपूर्ण:
DC मशीन में दो प्रकार के चुंबकीय फ्लक्स (आर्मेचर फ्लक्स और मुख्य क्षेत्र फ्लक्स) मौजूद होते हैं। मुख्य क्षेत्र फ्लक्स पर आर्मेचर फ्लक्स का प्रभाव आर्मेचर प्रतिक्रिया कहलाता है।
आर्मेचर प्रतिक्रिया का प्रभाव निम्नलिखित विधियों द्वारा कम किया जा सकता है:
a) प्रतिकारी कुंडली का प्रयोग कर के
b) दिक्परिवर्तन ध्रुव या अंतर्ध्रुव का प्रयोग करने से
c) ध्रुव हिस्से के अनुप्रस्थ काट को कम करने से
DC जनरेटर में उत्पन्न EMF किसके रूप में होता है?
Answer (Detailed Solution Below)
DC Generators Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर विकल्प 2): (पूर्ण तरंग दिष्टकारी निर्गम के रूप में) है
संकल्पना:
फैराडे के प्रेरण नियम के आधार पर किसी भी जनरेटर के अंदर उत्पादित EMF प्रकृति में वैकल्पिक होता है।
\(E_{emf} =\) -N\(dϕ \over dt\)
N लूपों की संख्या
\(dϕ \over dt\) अभिवाह परिवर्तन है
DC जेनरेटर में द्विक्परिवर्तक होगा।
द्विक्परिवर्तक को यांत्रिक दिष्टकारी के रूप में भी जाना जाता है (दिष्टकारी एक घटक है जो AC को DC में परिवर्तित करता है)। इस प्रकार हम DC जेनरेटर से DC वोल्टेज प्राप्त करते हैं।
DC जनरेटर में उत्पन्न EMF एक पूर्ण तरंग दिष्टकारी निर्गम के समान है
एक DC जनरेटर में ध्रुवों की संख्या और आर्मेचर चालकों की संख्या निर्दिष्ट होती है। तो निम्नलिखित में से कौन-सी कुंडली उच्चतम EMF प्रदान करेगी?
Answer (Detailed Solution Below)
DC Generators Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFDC जनरेटर में आर्मेचर emf निम्न द्वारा ज्ञात किया जाता है,
\({E_g} = \frac{{\phi ZNP}}{{60A}}\)
ϕ प्रति ध्रुव फ्लक्स है।
Z चालकों की संख्या है।
N गति है।
P ध्रुव है।
A समानांतर पथ की संख्या है
लैप कुंडली के लिए, A = P
तरंग कुंडली के लिए, A = 2
अतः आर्मेचर emf लैप कुंडली की तुलना में तरंग कुंडली में अधिक होता है।श्रेणी जनरेटर का उपयोग आमतौर पर नहीं किया जाता क्योंकि उसका टर्मिनल वोल्टेज ________।
Answer (Detailed Solution Below)
DC Generators Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF- श्रेणी dc मशीन में, मुख्य ध्रुवों पर कम घुमाव और एक बड़े अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल के साथ एक क्षेत्र कुंडलन कुंडलित होता है।
- श्रेणी कुंडलन आर्मेचर के साथ श्रेणी में जोड़ा जाता है और स्वाभाविक रूप से निर्धारित आर्मेचर धारा के लिए डिज़ाइन किया जाता है।
- इसलिए, व्यावहारिक रूप से कोई शून्य भार स्थिति के तहत अवशिष्ट क्षेत्र के कारण कोई वोल्टेज या बहुत निम्न वोल्टेज नहीं होगा (Ia = 0).
- हालाँकि, क्षेत्र मजबूत हो जाता है क्योंकि भार विपरीत ध्रुवता के साथ संयोजित आर्मेचर में निर्धारित वोल्टेज विकसित होगा और टर्मिनल वोल्टेज में वृद्धि होगी।
- भार प्रतिरोध में परिवर्तन से टर्मिनल वोल्टेज परिवर्तित होता है। टर्मिनल वोल्टेज कम होना शुरू हो जाएगा, संतृप्ति पर आर्मेचर प्रतिक्रिया प्रभाव अधिक भार धारा में निर्धारित हो जाता है।
- इसलिए, श्रेणी जनरेटर का उपयोग निरंतर वोल्टेज पर विद्युत देने के लिए नहीं किया जाता है। श्रेणी जनरेटर का अनुप्रयोग d.c पारेषण प्रणाली में वोल्टेज बढ़ाने के लिए किया जाता है।