अव्यय MCQ Quiz - Objective Question with Answer for अव्यय - Download Free PDF
Last updated on Jun 16, 2025
Latest अव्यय MCQ Objective Questions
अव्यय Question 1:
अर्थ के आधार पर संबंधवाचक अव्यय को कितने भाग में विभक्त किया जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
अव्यय Question 1 Detailed Solution
उपरोक्त विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 1 '10' है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
संबंधबोधक - जिस अव्यय शब्द से संज्ञा अथवा सर्वनाम का सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ प्रकट होता है, उसे सम्बन्ध बोधक अव्यय कहते है।
जैसे – से पहले, के भीतर, की ओर, की तरफ, के बिना, के अलावा, के बगैर, के बदले, की जगह, के साथ, के संग, के विपरीत आदि।
अर्थ के आधार पर इसके 13 प्रकार हैं -
1. कालवाचक- जिन अव्ययों से काल (समय) का बोध होता है,कालवाचक सम्बंधबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे – पहले, बाद में, आगे, पूर्व, पश्चात, उपरांत आदि। उदाहरण – रमेश, सुरेश से पहले आया था।
2. स्थानवाचक - जिन अव्ययों से स्थान का बोध होता है,स्थानवाचक सम्बंधबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे – ऊपर, नीचे, बाहर, भीतर, पास, निकट, दूर आदि। उदाहरण – विद्यालय के पीछे बाग है।
3. साधनवाचक -जिन अव्ययों से साधन का बोध होता है,साधनवाचक सम्बंधबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे – द्वारा, के द्वारा, खातिर, बलबूते, कारण, मारे, हेतु, निमित्त, जरिए, सहारे, के हाथ आदि। उदाहरण – राम ने बाण के द्वारा रावण को मारा।
4. दिशावाचक- जिन अव्ययों से दिशा का बोध होता है,दिशावाचक सम्बंधबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे – सामने, पीछे, ओर, तरफ, प्रति, आर-पार, आस-पास आदि। उदाहरण – वह आसमान की ओर देख रहा था।
5. समताबोधक- जिन अव्ययों से समता (समानता) का बोध होता है,समतावाचक सम्बंधबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे – समान, तरह, भाँति, बराबर, योग्य, तुल्य, सरीखा, सा, अनुरूप, ऐसा, जैसा आदि। उदाहरण – कर्ण के समान दधीचि भी दानी थे।
6. विरोधवाचक - जिन अव्ययों से विरोध के भाव का बोध होता है,विरोधवाचक सम्बंधबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे – विपरीत, उलटा, खिलाफ, विरुद्ध, प्रतिकूल आदि। उदाहरण – भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध लड़ाई की।
7. हेतुवाचक या व्यतिरेकवाचक - जिन अव्ययों से व्यतिरेक के भाव का बोध होता है,हेतुवाचक या व्यतिरेकवाचक सम्बंधबोधक अव्यय कहलाते हैं।
जैसे – अलावा, अतिरिक्त, बगैर, बदले, बिना, जगह, अपेक्षा, सामने, आगे, सिवा, रहित आदि। उदाहरण – मैं तुम्हारे अतिरिक्त किसी के साथ नहीं जाऊँगा।
8. तुलनावाचक- जिन अव्ययों से तुलना का बोध होता है,तुलनावाचक सम्बंधबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे – सदृश, तुल्य, बराबर, अपेक्षा आदि। उदाहरण – चाँदी की अपेक्षा सोना महँगा है।
9. उद्देश्यवाचक - जिन अव्ययों से उद्देश्य का बोध होता है,उद्देश्यवाचक सम्बंधबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे – के लिए,के निमित्त,के हेतु,की खातिर। उदाहरण – राम की खातिर हनुमान जी लंका गए
10. कारणवाचक- जिन अव्ययों से कारण का बोध होता है,कारणवाचक सम्बंधबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे – के कारण,के मारे,के लिए। उदाहरण – रमेश महेश के कारण चला गया।Additional Information
प्रयोग के आधार पर शब्दों के दो भेद किए गए हैं - |
|
विकारी शब्द जिन शब्दों का रूप-परिवर्तन होता रहता है वे विकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे :- कुत्ता, कुत्ते, कुत्तों, मैं मुझे,हमें अच्छा, अच्छे खाता है, खाती है, खाते हैं। इनमें संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया विकारी शब्द हैं। |
अविकारी शब्द (अव्यय) जिन शब्दों के रूप में कभी कोई परिवर्तन नहीं होता है वे अविकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे :- यहाँ, किन्तु, नित्य, और, हे अरे आदि। इनमें क्रिया – विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक आदि हैं। |
संज्ञा - जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, भाव या दशा,धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - बुढ़ापा, मिठास, बचपन, मोटापा, चढ़ाई, थकावट आदि। |
क्रिया विशेषण - वे शब्द जो क्रिया की विशेषता प्रकट करें, उन्हें क्रिया-विशेषण कहते हैं। जैसे – बाहर, भीतर, अन्दर, रात को आदि। |
सर्वनाम - सर्वनाम शब्द का प्रयोग संज्ञा के बदले में होता है, उसे सर्वनाम कहते हैं। सर्वनाम शब्द का अर्थ है- सब का नाम। जैसे – वह, यह, तुम, मैं आदि। |
संबंधबोधक - जिस अव्यय शब्द से संज्ञा अथवा सर्वनाम का सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ प्रकट होता है, उसे सम्बन्ध बोधक अव्यय कहते है। जैसे – से पहले, के भीतर, की ओर, की तरफ, के बिना, के अलावा, के बगैर, के बदले, की जगह, के साथ, के संग, के विपरीत आदि। |
विशेषण - संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं। जैसे - अच्छा लड़का, तीन पुस्तकें, नई कलम इत्यादि। |
विस्मयादिबोधक - जिन अविकारी शब्दों से हर्ष, शोक, आश्चर्य घृणा, दुख, पीड़ा आदि का भाव प्रकट हो उन्हे विस्मयादि बोधक अव्यय कहते हैं। जैसे – ओह!, हे!, वाह!, अरे!, अति सुंदर!, उफ!, हाय!, धिक्कार!, सावधान!, बहत अच्छा!, तौबा-तौबा!, अति सुन्दर आदि। |
क्रिया – जिन शब्दों से किसी कार्य का करना या होना व्यक्त हो उन्हें क्रिया कहते हैं। जैसे- रोया, खा रहा, जायेगा आदि। |
समुच्चयबोधक - जो अव्यय दो शब्दों अथवा दो वाक्यों को जोड़ने का कार्य करते हैं उन्हें समुच्चय बोधक अव्यय कहते है। जैसे– और, तथा, एवं, मगर, लेकिन, किन्तु, परन्तु, इसलिए, इस कारण, अतः, क्योंकि, ताकि, या, अथवा, चाहे आदि। |
अव्यय Question 2:
निम्नलिखित में से कौन - सा 'समुच्चयबोधक' शब्द है?
Answer (Detailed Solution Below)
अव्यय Question 2 Detailed Solution
सही विकल्प परंतु है। अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points
- परन्तु विरोधसूचक समानाधिकरण समुच्चयबोधक शब्द है।
- समुच्चयबोधक शब्द वे शब्द होते है जो दो शब्दों,अर्थात एक शब्द को दूसरे शब्द से,
- वाक्यांशों या वाक्यों, एक वाक्य को दूसरे वाक्य से जोड़ते हैं समुच्चयबोधक शब्द कहलाते हैं।
समुच्चयबोधक | परिभाषा | उदाहरण |
विरोधसूचक समानाधिकरण समुच्चयबोधक | जिन शब्दों से दो वाक्यों में से पहले की सीमा को सूचित किया जाता है उसे विरोधसूचक समानाधिकरण समुच्चयबोधक कहते हैं। अथार्त जो शब्द परस्पर दो विरोध करने वाले कथनों और उपवाक्यों को जोड़ते है उन्हें विरोधसूचक समानाधिकरण समुच्चयबोधक कहते हैं। जिन अव्यय शब्दों से विरोध का पता चले उसे विरोधवाचक समुच्चयबोधक समानाधिकरण कहते हैं। जहाँ पर वरन , पर, परन्तु, किन्तु, मगर, बल्कि, लेकिन आते हैं वहाँ पर विरोधवाचक समानाधिकरण समुच्चयबोधक होता। |
1)श्याम ने उसे रोका था पर वह नहीं रुका।
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- समुच्चयबोधक के भेद
व्यधिकरण समुच्चयबोधक | समानाधिकरण समुच्चयबोधक |
1. कारणसूचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक 2. संकेतसूचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक 3. उद्देश्यसूचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक 4. स्वरूपसूचक व्यधिकरण समुच्चयबोधक |
1. संयोजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक 2. विभाजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक 3. विकल्पसूचक समानाधिकरण समुच्चयबोधक 4. विरोधसूचक समानाधिकरण समुच्चयबोधक 5. परिणामदर्शक समानाधिकरण समुच्चयबोधक 6. वियोजक समानाधिकरण समुच्चयबोधक |
Additional Information
- वे शब्द जिनमे लिंग, कारक, वचन, पुरुष आदि के कारण कोई विकार/ परिवर्तन उत्पन्न नहीं होता है, अव्यय शब्द कहलाते है।
अव्यय के पांच भेद हैं –
अव्यय |
परिभाषा |
उदाहरण |
|
क्रिया-विशेषण |
जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का पता चले। |
वह धीरे-धीरे खाना खाता है। |
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सम्बन्धबोधक |
वे शब्द जो संज्ञा, सर्वनाम शब्दों को अन्य संज्ञा, सर्वनाम शब्दों के साथ सम्बन्ध का बोध कराते हैं। |
मंदिर के पास नदी है। |
|
समुच्चयबोधक |
दो शब्दों या वाक्यों को जोड़ने वाले संयोजक शब्द को समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं। |
वह दफ्तर से आया और सो गया। |
|
विस्मयादिबोधक |
जिन वाक्यों में घृणा, हर्ष, शोक, आश्चर्य के भाव प्रकट हों। इसमें विस्मयादिबोधक (!) चिह्न का प्रयोग किया जाता है। |
वाह! तुमने तो कमाल कर दिया। |
|
निपात |
किसी भी बात पर अधिक भार देने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है निपात कहलाता है। |
आज राज तुम्हे पार्टी में रुकना ही पड़ेगा। 'ही' निपात शब्द है। निपात शब्द - भी , तो, तक , केवल , ही , मात्र आदि। |
अव्यय Question 3:
'जरा' किस प्रकार का परिमाणवाचक क्रियाविशेषण है?
Answer (Detailed Solution Below)
अव्यय Question 3 Detailed Solution
जरा' न्यूनताबोधक परिमाणवाचक क्रियाविशेषण है।
Key Points न्यूनताबोधक क्रिया विशेषण :- जहाँ पर मात्रा वास्तविक रूप में न होकर अनुमान रूप में होती है वहां न्यूनताबोधक परिमाणवाचक क्रियाविशेषण होता है।
- जैसे :- कुछ, लगभग, थोडा, तुक,अनुमान, प्रायः , जरा, आदि है।
Additional Information
परिमाणवाचक क्रिया विशेषण | पहचान |
श्रेणिवाचक | थोडा-थोडा, क्रम-क्रम से, बारी-बारी, तिल-तिल, एक-एककर आदि। |
पर्याप्तिवाचक | केवल, काफी, बस, यथेष्ट, चाहे, बराबर आदि। |
तुलनावाचक | अधिक, कम, इतना, उतना, जितना, बढ़कर, और आदि। |
अव्यय Question 4:
अवधारणाबोधक निपात कौन-सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
अव्यय Question 4 Detailed Solution
इसका सही उत्तर विकल्प 2 है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
- 'लगभग' अवधारणाबोधक निपात है।
अन्य विकल्प:
निपात |
शब्द |
प्रश्नबोधक निपात |
क्या |
स्वीकृतिबोधक निपात |
हाँ |
आदरबोधक निपात |
जी |
निपात - किसी भी बात पर अधिक भार देने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है निपात कहलाता है। जैसे- आज तुम्हे जाना ही पड़ेगा। 'ही' निपात शब्द है। निपात शब्द - भी , तो , तक , केवल , ही , मात्र आदि। निपात के नौ प्रकार हैं- |
(1) स्वीकृतिबोधक निपात – हाँ,जी,जी हाँ (2) नकारात्मक निपात – जी नहीं,नहीं (3) निषेधात्मक निपात – मत (4) प्रश्नबोधक निपात – क्या (5) विस्मयादिबोधक निपात – क्या,काश (6) तुलनाबोधक निपात – सा (7) अवधारणाबोधक निपात – ठीक,करीब,लगभग,तकरीबन (8) आदरबोधक निपात – जी (9) बल प्रदायकबोधक निपात –तो,ही,भी,तक,भर,सिर्फ,केवल |
अव्यय Question 5:
निम्न वाक्य में से क्रिया-विशेषण के भेद को चुनें।
मैं बिल्कुल थक गया हूँ। (बिल्कुल)
Answer (Detailed Solution Below)
अव्यय Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है- परिमाणवाचक
Key Points
- ऐसे क्रियाविशेषण शब्द जिनसे हमें क्रिया के परिमाण, संख्या या मात्र का पता चलता है, वे शब्द परिमाणवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं।
- उदाहरण-
- अमृत बहुत ज़्यादा दौड़ता है।
Important Points
कालवाचक क्रिया विशेषण:-
उदाहरण-
स्थानवाचक क्रिया विशेषण:-
उदाहरण-
रीतिवाचक क्रिया विशेषण:-
उदाहरण-
|
Top अव्यय MCQ Objective Questions
अरे! साँप कहाँ गया?
इस वाक्य में प्रयुक्त क्रिया विशेषण 'कहाँ' किस प्रकार का क्रियाविशेषण है?
Answer (Detailed Solution Below)
अव्यय Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF'कहाँ' शब्द साधारण क्रिया विशेषण है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- वाक्य- अरे! साँप कहाँ गया?
- इस वाक्य में कहॉं शब्द का प्रयोग साधारण क्रिया विशेषण के रूप में किया गया है।
- साधारण क्रिया विशेषण- ऐसे क्रिया विशेषण शब्द जिनका प्रयोग वाक्य में स्वतंत्र होता है, वे शब्द साधारण क्रिया विशेषण कहलाते हैं।
- उदाहरण-
- अरे! तुम कब आये ?
- हाय! यह क्या हो गया।
- अरे! वह लड़का कहाँ चला गया?
Additional Information
क्रिया | परिभाषा | उदाहरण |
अनुबद्ध क्रिया विशेषण | ऐसे शब्द जो निश्चय के लिए कहीं भी प्रयोग कर लिए जाते हैं वे शब्द अनुबद्ध क्रिया विशेषण कहलाते हैं। |
यह काम तो गलत ही हुआ है। |
मूल क्रिया विशेषण | ऐसे शब्द जो दुसरे शब्दों के मेल से नहीं बनते यानी जो दुसरे शब्दों में प्रत्यय लगे बिना बन जाते हैं, वे शब्द मूल क्रिया विशेषण कहलाते हैं। | पास, दूर, ऊपर। |
यौगिक क्रिया विशेषण | ऐसे क्रिया विशेषण जो किसी दुसरे शब्दों में प्रत्यय या पद आदि लगाने से बनते हैं, ऐसे क्रिया विशेषण योगिक क्रियाविशेषणों की श्रेणी में आते हैं। | सबेरे, सायं, आजन्म, क्रमशः। |
निम्नलिखित विकल्पों में से कौनसा एक वाक्य अनुबद्ध क्रिया-विशेषण से सम्बन्ध नहीं रखता है?
Answer (Detailed Solution Below)
अव्यय Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF"कल वह गया ही नहीं।" यह वाक्य अनुबद्ध क्रिया-विशेषण से सम्बन्ध नहीं रखता है।
Key Points
- वाक्य- कल वह गया ही नहीं।
- यह वाक्य बलबोधक निपात के अंतर्गत आयेगा। क्योंकि यहॉं ही शब्द का प्रयोग किया गया है।
- अन्य विकल्पों में दिए गए सभी वाक्य अनुबद्ध क्रिया-विशेषण के हैं।
- निपात- किसी पद विशेष पर जोर देने के लिए उस पद के बाद प्रयुक्त होने वाले अव्यय निपात कहे जाते हैं।
- निपात के 9 भेद हैं-
- स्वीकृतिबोधक (स्वीकार्य) निपात – हा, जी, जी हाँ।
- नकारबोधक निपात – जी नहीं, नहीं।
- निषेधबोधक निपात – मत।
- प्रश्नबोधक निपात – क्या।
- विस्मयबोधक निपात – क्या, काश।
- तुलनाबोधक निपात – सा।
- अवधारणाबोधक निपात – ठीक, करीब, लगभग, तकरीबन।
- आदरबोधक निपात – जी।
- बलबोधक निपात- तक, भर, सिर्फ, केवल, ही।
Additional Information
- अनुबद्ध क्रिया-विशेषण- जिन शब्दों का प्रयोग निश्चय के किसी भी शब्द भेद के साथ हो सकता हो, उसे अनुबद्ध क्रिया-विशेषण कहते हैं।
- उदाहरण-
- यह काम तो गलत ही हुआ है।
- आपके आने भर की देर है।
- मैंने उसे देखा भर था।
- यह कार्य तो किसी ने कर दिया।
- सीता गा तो सकती है।
विकल्पों में से उचित अवधिवाचक क्रिया विशेषण चयन कीजिए।
Answer (Detailed Solution Below)
अव्यय Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFउचित अवधिवाचक क्रिया विशेषण "नित्य, लगातार" है। अन्य विकल्प असंगत है।Key Points
- अवधिवाचक क्रिया विशेषण-
- जो विशेषण क्रिया की अवधि बताएं।
- जैसे- आजकल, सदैव, रात-भर, लगातार, निरंतर, नित्य, लगातार इत्यादि।
Important Points
शब्द | परिभाषा | उदाहरण |
अवधिवाचक क्रिया विशेषण | जिस शब्द से क्रिया की अवधि की विशेषता का ज्ञान होता है। | राम ने रात भर पढ़ाई की। |
Additional Information
शब्द | क्रिया विशेषण प्रकार |
---|---|
वह, कोई | सर्वनाम विशेषण |
नित्य, लगातार | अवधिवाचक क्रिया विशेषण |
हर रोज, हर बार | आवृतिवाचक क्रिया विशेषण |
इधर, उधर | स्थानवाचक क्रिया विशेषण |
Answer (Detailed Solution Below)
अव्यय Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFहमें प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करना चाहिए में रेखांकित शब्द अविकारी या अव्यय शब्द है।
Key Points
अव्यय – जो व्यय न हो। जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल आदि की वजह से |
निम्नलिखित विकल्पों में से कौन सा एक वाक्य क्रिया-विशेषण से सम्बन्ध रखता है?
Answer (Detailed Solution Below)
अव्यय Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF"सीता यहाँ आ रही है।" यह वाक्य क्रिया-विशेषण का है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- क्रिया-विशेषण वाक्य- सीता यहाँ आ रही है।
- इस वाक्य में आना क्रिया है। यहाँ शब्द हमें क्रिया कि विशेषता बता रहा है कि वह यहाँ आ रही है।
- इस वाक्य में स्थानवाचक क्रिया-विशेषण है।
- जो अविकारी शब्द किसी क्रिया के संपादित होने के स्थान का बोध कराते हैं, उन्हें स्थानवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।
विशेषण | परिभाषा | उदाहरण |
क्रिया-विशेषण | वह शब्द जो हमें क्रिया की विशेषता के बारे में बताते हैं, वे शब्द क्रिया विशेषण कहलाते हैं। | घोड़ा बहुत तेज दौड़ता है। |
निम्नलिखित में से अव्यय है-
Answer (Detailed Solution Below)
अव्यय Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFउपरोक्त विकल्पों में 'और' शब्द अव्यय है। अतः सही उत्तर ‘और ’ है।
Key Points
- 'और' शब्द अव्यय है।
- इस शब्द के रूप में लिंग , वचन , पुरुष , कारक , काल आदि की वजह से कोई परिवर्तन नहीं होता।
अन्य विकल्प
- मोटा - विशेषण
- गरीब - विशेषण
Additional Information
अव्यय का शाब्दिक अर्थ होता है – जो व्यय न हो। जिनके रूप में लिंग , वचन , पुरुष , कारक , काल आदि की वजह से कोई परिवर्तन नहीं होता उसे अव्यय शब्द कहते हैं।अव्यय शब्द हर स्थिति में अपने मूल रूप में रहते हैं। इन शब्दों को अविकारी शब्द भी कहा जाता है। |
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो जो रेखांकित शब्दों के सही अव्यय के भेद हो
सबने उसे बुरा कहा लेकिन वह अच्छा बना।
Answer (Detailed Solution Below)
अव्यय Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'समुच्चय बोधक अव्यय' है।
- 'सबने उसे बुरा कहा लेकिन वह अच्छा बना।' इस वाक्य में 'लेकिन' समुच्चय बोधक अव्यय है।
- दो वाक्यों को परस्पर जोड़ने वाले शब्द समुच्चयबोधक अव्यय कहे जाते है।
- जैसे- यद्यपि, चूँकि, परन्तु, और किन्तु आदि।
अन्य विकल्प:
- विस्मयादिबोधक अव्यय - जिन अव्ययों से हर्ष-शोक आदि के भाव सूचित हों, पर उनका सम्बन्ध वाक्य या उसके किसी विशेष पद से न हो, उन्हें 'विस्मयादिबोधक' कहते है।
- सम्बन्ध बोधक अव्यय - जो अव्यय किसी संज्ञा के बाद आकर उस संज्ञा का सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्द से दिखाते है, उसे 'सम्बन्धबोधक अव्यय' कहते हैं। जैसे- दूर, पास, अन्दर, बाहर, पीछे, आगे, बिना, ऊपर, नीचे आदि।
- क्रिया विशेषण अव्यय - जो शब्द क्रिया की विशेषता बतलाते है, उन्हें क्रिया विशेषण कहा जाता है। जैसे- राम धीरे-धीरे टहलता है; राम वहाँ टहलता है; राम अभी टहलता है।
Additional Information
- 'अव्यय' ऐसे शब्द को कहते हैं, जिसके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पत्र नही होता। ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है।
- चूँकि अव्यय का रूपान्तर नहीं होता, इसलिए ऐसे शब्द अविकारी होते हैं।
- इनका व्यय नहीं होता, अतः ये अव्यय हैं।
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो रेखांकित शब्दों का सही अव्यय का भेद हो:
आज दिनभर वर्षा होती रही।
Answer (Detailed Solution Below)
अव्यय Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से सही विकल्प क्रिया-विशेषण अव्यय हैl अन्य विकल्प असंगत हैl
Key Points
- ‘आज दिनभर वर्षा होती रहीl’ वाक्य में 'दिनभर' शब्द क्रिया की विशेषता बता रहा है।
- यहाँ पर कालवाचक क्रिया -विशेषण का प्रयोग हुआ है क्योंकि यहाँ क्रिया के होने का समय पता चल रहा हैl
- जैसे - वर्षा दिनभर होती रहीl
अव्यय |
परिभाषा |
उदाहरण |
क्रिया-विशेषण |
जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का पता चले। |
वह धीरे-धीरे खाना खाता है। |
Additional Information
अव्यय |
परिभाषा |
उदाहरण |
विस्मयादिबोधक |
जिन शब्दों में विस्मय, हर्ष, शोक, आदि मनोभावों को व्यक्त करते है; उन्हें विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैl |
हे प्रभु! यह क्या हो रहा है ? |
संबंधबोधक |
वे शब्द जो संज्ञा, सर्वनाम शब्दों को अन्य संज्ञा, सर्वनाम शब्दों के साथ संबंध का बोध कराते हैं। |
मंदिर के पास नदी है। |
समुच्चयबोधक |
दो शब्दों या वाक्यों को जोड़ने वाले संयोजक शब्द को समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं। |
वह दफ्तर से आया और सो गया। |
प्रयोग के आधार पर शब्दों के दो भेद किए गए हैं - |
|
विकारी शब्द जिन शब्दों का रूप-परिवर्तन होता रहता है वे विकारी शब्द कहलाते हैं।जैसे :- कुत्ता, कुत्ते, कुत्तों, मैं मुझे,हमें अच्छा, अच्छे खाता है, खाती है, खाते हैं। इनमें संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया विकारी शब्द हैं। |
अविकारी शब्द (अव्यय) जिन शब्दों के रूप में कभी कोई परिवर्तन नहीं होता है वे अविकारी शब्द कहलाते हैं।जैसे :- यहाँ, किन्तु, नित्य, और, हे अरे आदि। इनमें क्रिया – विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक आदि हैं। |
संज्ञा - जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, भाव या दशा,धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। यथा- बुढ़ापा, मिठास, बचपन, मोटापा, चढ़ाई, थकावट आदि। |
क्रिया विशेषण - वे शब्द जो क्रिया की विशेषता प्रकट करें, उन्हें क्रिया-विशेषण कहते हैं| जैसे – बाहर, भीतर, अन्दर, रात को आदि। |
सर्वनाम - सर्वनाम शब्द का प्रयोग संज्ञा के बदले में होता है, उसे सर्वनाम कहते हैं। सर्वनाम शब्द का अर्थ है- सब का नाम। यथा – वह, यह, तुम , मैं आदि । |
संबंधबोधक - जिस अव्यय शब्द से संज्ञा अथवा सर्वनाम का सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ प्रकट होता है, उसे सम्बन्ध बोधक अव्यय कहते है। जैसे – से पहले, के भीतर, की ओर, की तरफ, के बिना, के अलावा, के बगैर, के बदले, की जगह, के साथ, के संग, के विपरीत आदि। |
विशेषण - संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं। यथा----. अच्छा लड़का, तीन पुस्तकें, नई कलम इत्यादि। |
विस्मयादिबोधक - जिन अविकारी शब्दों से हर्ष, शोक, आश्चर्य घृणा, दुख, पीड़ा आदि का भाव प्रकट हो उन्हे विस्मयादि बोधक अव्यय कहते हैं | जैसे – ओह!, हे!, वाह!, अरे!, अति सुंदर!, उफ!, हाय!, धिक्कार!, सावधान!, बहत अच्छा!, तौबा-तौबा!, अति सुन्दर आदि । |
क्रिया – जिन शब्दों से किसी कार्य का करना या होना व्यक्त हो उन्हें क्रिया कहते हैं। जैसे- रोया, खा रहा, जायेगा आदि। |
समुच्च्बोधक - जो अव्यय दो शब्दों अथवा दो वाक्यों को जोड़ने का कार्य करते हैं उन्हें समुच्चय बोधक अव्यय कहते है। जैसे– और, तथा, एवं, मगर, लेकिन, किन्तु, परन्तु, इसलिए, इस कारण, अतः, क्योंकि, ताकि, या, अथवा, चाहे आदि। |
निम्नलिखित प्रश्न में चार विकल्पों में से उस सही विकल्प का चयन करें जो रेखांकित शब्दों के सही-अव्यय के भेद हो
दरवाजे के बाहर कोई खड़ा है।
Answer (Detailed Solution Below)
अव्यय Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर ‘संबंधबोधक अव्यय’ है।
Key Points
- 'बाहर कोई' संबंधबोधक अव्यय का उदाहरण है।
- वे शब्द जो संज्ञा/सर्वनाम को अन्य संज्ञा/सर्वनाम के साथ संबंध का बोध कराते हैं, उसे संबंधबोधक अव्यय कहते हैं।
अन्य विकल्प -
अव्यय |
परिभाषा |
उदाहरण |
समुच्चयबोधक |
जिन शब्दों की वजह से दो या दो से ज्यादा वाक्य , शब्द , या वाक्यांश जुड़ते हैं उन्हें समुच्चयबोधक कहा जाता है। |
क्योंकि, या, अथवा, एवं, तथा आदि। |
विस्मयादिबोधक |
जो शब्द वक्ता या लेखक के हर्ष , शोक , नफरत , विस्मय , ग्लानी आदि भावो का बोध कराता है उसे विस्मयादिबोधक कहते हैं। |
आह, वाह, उफ़्फ़, हैना आदि। |
निपात |
किसी भी बात पर अतिरिक्त भार देने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उसे निपात कहते है। |
जी, नहीं, न, काश आदि। |
Additional Information
नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
अव्यय |
अव्यय का शाब्दिक अर्थ होता है – जो व्यय न हो। जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल आदि की वजह से कोई परिवर्तन नहीं होता उसे अव्यय शब्द कहते हैं। |
जब, तब, अभी, अगर आदि। |
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो सही विकल्प है। उपसर्ग और प्रत्यय दोनों ही शब्द ________ नहीं होते हैं।
Answer (Detailed Solution Below)
अव्यय Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'अव्यय' है।
- दिए गए विकल्पों में से 'अव्यय' सही उत्तर है।
- उपसर्ग और प्रत्यय दोनों ही शब्द 'अव्यय' नहीं होते हैं।
Additional Information
- क्रिया - जिन शब्दों से किसी कार्य का करना या होना व्यक्त हो उन्हें क्रिया कहते हैं।
- जैसे- रोया, खा रहा, जायेगा आदि। उदाहरणस्वरूप अगर एक वाक्य 'मैंने खाना खाया' देखा जाये तो इसमें क्रिया 'खाया' शब्द है।
- शब्दांश - शब्दांश शब्द के वह अंश होते हैं जिन्हें और ज़्यादा छोटा नहीं बनाया जा सकता वरना शब्द की ध्वनियाँ बदल जाती हैं।
- सर्वनाम - संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं, तुम, हम, वे, आप आदि शब्द सर्वनाम हैं।