उपन्यास MCQ Quiz - Objective Question with Answer for उपन्यास - Download Free PDF
Last updated on Jun 13, 2025
Latest उपन्यास MCQ Objective Questions
उपन्यास Question 1:
निम्नलिखित में से प्रेमचंद की रचना है :
Answer (Detailed Solution Below)
उपन्यास Question 1 Detailed Solution
प्रेमचंद की रचना है - 'सेवासदन'
- सेवासदन उपन्यास का प्रकाशन वर्ष 1918 ई है। यह हिन्दी का पहला प्रौढ़ उपन्यास है।
- यह मूल रूप से उन्होंने 'बाजारे-हुस्न' नाम से पहले उर्दू में लिखा गया लेकिन इसका हिन्दी रूप 'सेवासदन' पहले प्रकाशित हुआ।
- यह स्त्री समस्या पर केन्द्रित उपन्यास है जिसमें दहेज-प्रथा, अनमेल विवाह, वेश्यावृत्ति, स्त्री-पराधीनता आदि समस्याओं के कारण और प्रभाव शामिल हैं।
Key Points
- प्रेमचंद का अन्य उपन्यास:-
- सेवासदन (1918)
- प्रेमाश्रम (1922)
- रंगभूमि (1925)
- निर्मला (1925)
- गबन (1928)
- कर्मभूमि (1932)
- गोदान (1936)
Additional Information
तमस:-
मैला आँचल:-
त्यागपत्र:-
|
उपन्यास Question 2:
'परती परिकथा' के रचनाकार हैं
Answer (Detailed Solution Below)
उपन्यास Question 2 Detailed Solution
- 'परती परिकथा' के रचनाकार हैं : फणीश्वर नाथ रेणु
- रचनाकाल : 1957
- मैला आँचल, परती परिकथा, दीर्घतपा, पलटू बाबू:- यह इन उपन्यासों का उचित क्रम है।
Key Points
- मैला आंचल - सन् 1954
- परिती कथा - सन् 1957
- दीर्घतपा - सन् 1963
- जुलुस - सन् 1965
- पलटू बाबू रोड - सन् 1971
Additional Information
- फणीश्वर नाथ रेणु हिंदी मे आंचलिक उपन्यासकार के जन्मदाता के रूप में प्रसिद्ध है |
- मैला आंचल इनका प्रथम और प्रमुख उपन्यास है जी इनकी ख्याति का आधार है |
- मैला आंचल का प्रकाशन १९५४ मे हुआ, इसमें बिहार के पूर्णिया जिले के मेरीगंज गाँव की कथा का वर्णन है |
रेणु की प्रमुख कृतियाँ -
- नोट - नागार्जुन रचना क्रम मे प्रथम आंचलिक उपन्यासकार है
उपन्यास Question 3:
'तमस' उपन्यास के रचयिता हैं :
Answer (Detailed Solution Below)
उपन्यास Question 3 Detailed Solution
'तमस' उपन्यास के रचयिता हैं : - 'भीष्म साहनी'
- तमस भीष्म साहनी का सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है।
- इसका प्रकाशन 1973 में हुआ था। वे इस उपन्यास से साहित्य जगत में बहुत लोकप्रिय हुए थे।
- तमस को 1975 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
Key Points
- भीष्म साहनी का अन्य उपन्यास:-
- झरोखे (1967)
- कड़ियाँ (1970)
- बसन्ती (1980)
- मय्यादास की माङी (1988)
- नीलू नीलिमा नीलोफर (2000)
Additional Informationराजेन्द्र यादव का उपन्यास:-
- सारा आकाश (1959)
- उखड़े हुए लोग (1956)
- कुलटा (1958)
- शह और मात (1959)
- अनदेखे अनजान पुल (1963)
- एक इंच मुस्कान (1963)
- मन्त्रविद्धा (1967)
- एक था शैलेन्द्र (2007)
जैनेन्द्र का उपन्यास:-
- परख (1929)
- सुनीता (1935)
- त्यागपत्र (1937)
- कल्याणी (1939)
- विवर्त (1953)
- सुखदा (1953)
- व्यतीत (1953)
- जयवर्धन (1956)
प्रेमचंद का उपन्यास:-
- सेवासदन (1918)
- प्रेमाश्रम (1922)
- रंगभूमि (1925)
- निर्मला (1925)
- गबन (1928)
- कर्मभूमि (1932)
- गोदान (1936)
उपन्यास Question 4:
'मिलजुल मन' किसका उपन्यास है?
Answer (Detailed Solution Below)
उपन्यास Question 4 Detailed Solution
'मिलजुल मन' मृदुला गर्ग का उपन्यास है।
मिलजुल मन-
- रचनाकार-मृदुला गर्ग
- विधा-उपन्यास
- प्रकाशन वर्ष-2009ई.
- विषय-
- आत्मकथात्मक उपन्यास है जिसकी कथा पिछले पचास वर्षों के घटनाक्रम को चित्रित करती है।।
- इस उपन्यास की कहानी मोगरा तथा गुलमोहर दो बहनों के इर्द-गिर्द घूमते हुए उनके जीवन की कहानी है।
- इसमें नव-स्वतंत्रता काल से लेकर आज तक के बदलावों,नारी की स्थिति,बदलते समाज आदि की कहानी कही गयी है।
Key Pointsमृदुला गर्ग-
- जन्म-1938ई.
- हिंदी की सबसे लोकप्रिय लेखिकाओं में से एक हैं।
- मुख्य उपन्यास-
- उसके हिस्से ही धूप(1975ई.)
- वंशज(1976ई.)
- चित्तकोबरा(1979ई.)
- कठगुलाब(1996ई.) आदि।
Important Pointsचित्रा मुद्गल-
- जन्म-1943ई.
- आधुनिक हिंदी कथा साहित्य की बहुचर्चित और सम्मानित लेखिका हैं।
- मुख्य उपन्यास-
- एक जमीन अपनी(1990ई.)
- आवां(2000ई.)
- गिलिगडु(2002ई.) आदि।
ममता कालिया-
- जन्म-1940ई.
- एक प्रमुख भारतीय लेखिका हैं।
- वे कहानी,नाटक,उपन्यास,निबंध,कविता और पत्रकारिता अर्थात साहित्य की लगभग सभी विधाओं में हस्तक्षेप रखती हैं।
- मुख्य उपन्यास-
- बेघर(1971ई.)
- नरक दर नरक(1975ई.)
- एक पत्नी के नोट्स(1997ई.) आदि।
मंजुल भगत-
- जन्म-1936ई.
- हिन्दी की प्रसिद्ध कहानीकार व रचनाकार है।
- मुख्य उपन्यास-
- अनारो(1977ई.)
- बेगाने घर में(1978ई.)
- खातूल(1983ई.) आदि।
उपन्यास Question 5:
'बाणभट्ट की आत्मकथा' किसका प्रसिद्ध उपन्यास है?
Answer (Detailed Solution Below)
उपन्यास Question 5 Detailed Solution
- 'बाणभट्ट की आत्मकथा' हजारी प्रसाद द्विवेदी प्रसिद्ध उपन्यास है।
Key Pointsबाणभट्ट की आत्मकथा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी रचित एक ऐतिहासिक हिन्दी उपन्यास है।
इसमें तीन प्रमुख पात्र हैं- बाणभट्ट, भट्टिनी तथा निपुणिका।
हजारी प्रसाद द्विवेदी: (1907 ई.)
- आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कबीर को 'भाषा का डिक्टेटर' कहा है।
- द्विवेदी युग के प्रवर्तक महावीर प्रसाद द्विवेदी थे
- हज़ारी प्रसाद द्विवेदी हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे।
- वे हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत और बाङ्ला भाषाओं के विद्वान थे।
- भक्तिकालीन साहित्य का उन्हें अच्छा ज्ञान था।
- सन 1957 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
हज़ारी प्रसाद द्विवेदी की प्रमुख रचनाएँ:
- उन्होंने चार उपन्यास लिखे- 'पुनर्नवा', 'बाणभट्ट की आत्मकथा', 'चारुचंद्रलेख' और 'अनामदास का पोथा'।
- उनके अनेक निबंध-संग्रह प्रकाशित हैं- 'कल्पलता', 'अशोक के फूल', 'कूटज', 'विचार प्रवाह'।
Additional Information
रचनाकार | परिचय | प्रमुख रचनाएँ |
नागार्जुन | नागार्जुन का असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था परंतु हिन्दी साहित्य में उन्होंने नागार्जुन तथा मैथिली में यात्री उपनाम से रचनाएँ कीं। काशी में रहते हुए उन्होंने 'वैदेह' उपनाम से भी कविताएँ लिखी थीं। सन् 1936 में सिंहल में 'विद्यालंकार परिवेण' में ही 'नागार्जुन' नाम ग्रहण किया | युगधारा, प्यासी-पथराई आँखें, सतरंगे पंखोंवाली, तुमने कहा था, तालाब की मछलियाँ, हजार-हजार बाँहोंवाली, पुरानी जूतियों का कोरस, भस्मांकुर (खण्डकाव्य), बलचनमा, रतिनाथ की चाची, नयी पौध, कुम्भीपाक, उग्रतारा (उपन्यास), दीपक, विश्वबन्धु (सम्पादन) |
जैनेन्द्र | प्रेमचंदोत्तर उपन्यासकारों में जैनेंद्र कुमार (2 जनवरी, 1905 - दिसम्बर 24, 1988) का विशिष्ट स्थान है। वह हिंदी उपन्यास के इतिहास में मनोविश्लेषणात्मक परंपरा के प्रवर्तक के रूप में मान्य हैं। जैनेंद्र अपने पात्रों की सामान्यगति में सूक्ष्म संकेतों की निहिति की खोज करके उन्हें बड़े कौशल से प्रस्तुत करते हैं। |
उपन्यासः 'परख', 'सुनीता', 'त्यागपत्र', 'कल्याणी', 'विवर्त', 'सुखदा', 'व्यतीत' तथा 'जयवर्धन' और 'मुक्ति-बोध'(कथा के पात्र-मैं, पत्नी-राजी, बेटी-अंजु(अन्जो) इत्यादि) कहानी संग्रहः 'फाँसी', 'वातायन' , 'नीलम देश की राजकन्या', 'एक रात', 'दो चिड़ियाँ', 'पाजेब', 'जयसंधि' तथा 'जैनेंद्र की कहानियाँ' (सात भाग) |
अमृतलाल नागर | अमृतलाल नागर (17 अगस्त, 1916 - 23 फरवरी, 1990) हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार थे। उन्हें भारत सरकार द्वारा 1981 में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। | उपन्यास: महाकाल, बूँद और समुद्र , शतरंज के मोहरे, सुहाग के नूपुर अमृत और विष सात घूंघट वाला मुखड़ा, एकदा नैमिषारण्ये, मानस का हंस, नाच्यौ बहुत गोपाल |
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मैला आँचल के लेखक हैं
Answer (Detailed Solution Below)
उपन्यास Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFमैला आँचल के लेखक फणीश्वरनाथ रेणु' हैं। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 1 फणीश्वरनाथ रेणु होगा ।
Key Points
फणीश्वर नाथ 'रेणु ' की रचनाये:
उपन्यास |
मैला आंचल, परती परिकथा ,जूलूस, दीर्घतपा. कितने चौराहे , पलटू बाबू रोड |
कथा-संग्रह |
एक आदिम रात्रि की महक, ठुमरी, अग्निखोर, अच्छे आदमी, रिपोर्ताज ,ऋणजल-धनजल |
प्रसिद्ध कहानियां |
मारे गये गुलफाम (तीसरी कसम), एक आदिम रात्रि की महक, लाल पान की बेगम , पंचलाइट, तबे एकला चलो रे , ठेस |
Additional Information
रचनाकार |
रचना |
मोहन राकेश |
अंधेरे बंद कमरे, अन्तराल, न आने वाला कल |
नागार्जुन |
युगधारा , प्यासी पथराई आँखें, तुमने कहा था, नयी पौध |
रामेश्वर शुक्ल 'अंचल' |
मधुलिका, 'अपराजिता, 'किरण बेला, 'वर्षांत के बादल |
इनमें से कौन-सा उपन्यास प्रेमचन्द्र का नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
उपन्यास Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'शेखर एक जीवनी' उपन्यास प्रेमचन्द्र का नहीं है,अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 4 'शेखर एक जीवनी' सही उत्तर होगा।
Key Points
- ‘शेखर एक जीवनी’ महज एक उपन्यास नहीं है और न ही कथानायक शेखर की जीवनी का लेखा-जोखा, वरन् स्नेह और वेदना का जीवन-दर्शन भी है, जिसे लेखक ने अपने जीवनानुभवों के विस्तृत दायरे के सूत्र में पिरोया है।
- सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ की यह अमर कृति हिन्दी साहित्य में मील का पत्थर है।
- प्रमुख चरित्र शेखर एक आदर्शवादी सिद्धान्तप्रिय युवक है, जिसे पराधीनता स्वीकार नहीं, जो अपने तर्को से समाज को बदलना चाहता है, जो बहस की हद तक तर्क करता है।
- जेल में अपने मन को खूब खंगालता है, शारदा के प्रति आकर्षण और शशि के प्रति अगाध स्नेह को जीवन का अर्थ और उद्देश्य समझता है।
- कहीं वह पलायनवादी हो जाता है तो कहीं यथार्थवादी के रूप में नियति को चुपचाप स्वीकार कर लेता है।
Additional Information
- ‘शेखर: एक जीवनी’ उपन्यास अज्ञेय की बहुचर्चित मनोवैज्ञानिक उपन्यास है।
- शेखर- मुख्य पात्र, जो कि उपन्यास का केंद्रबिंदु है। इसका स्वभाव विद्रोही है। बंधन से घृणा करता है और बन्धन मुक्त रहना चाहता है।
- सरस्वती – शेखर की बहन। जो कि शेखर की प्रेरक एवं गुरु भी है।
- शारदा – मद्रासी परिवार की लड़की है, स्वभाव चंचल तथा स्पष्ठवादिता। शेखर इसकी ओर आकर्षित होता है।
- शशि – शेखर की मौसेरी बहन। इसके प्रति भी शेखर आकर्षित होता है। संघर्ष का सामना करने वाली नारी है। अतिरिक्त पात्र – शेखर की माँ, माणिका तथा शांति
- प्रेमचंद धनपत राय श्रीवास्तव नाम से जाने जाते हैं
- वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे।
- उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास
तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं।
'तितली' किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
उपन्यास Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - ‘जयशंकर प्रसाद’।
- ‘तितली’ जयशंकर प्रसाद की रचना है।
Key Points
- तितली सामाजिक पृष्ठभूमि पर लिखित जयशंकर प्रसाद का दूसरा उपन्यास है।
- इसके केंद्र में गाँव है। इसका प्रकाशन सन् 1934 ई॰ में भारती भंडार, इलाहाबाद से हुआ था।
Additional Information
रचनाकार | रचनाएँ |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल | रसमीमांसा, चिंतामणि। |
श्याम सुंदर दास | साहित्यालोचन, रूपकहस्य। |
आचार्य महावीर प्र. द्विवेदी | नैषध चरित्र चर्चा, विनय विनोद, देवी स्तुति-शतक। |
कौन सा उपन्यास अज्ञेय का नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
उपन्यास Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF- अजय की डायरी, उपन्यास अज्ञेय द्वारा रचित नही है।
- अजय की डायरी के लेखक = देवराज
- अजय की डायरी के प्रमुख पात्र: भुवन, रेखा, गौरा, चंद्र, माधव
- विश्वविद्यालय की पृष्ठभूमि पर आधारित उपन्यास
- प्रकाशन वर्ष: 1960
Additional Information
- अज्ञेय का पूरा नाम - सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
- अज्ञेय महत्वपूर्ण रचनाएँ निम्न है:-
- हरी घास पर क्षण भर - कविता संग्रह - सन् 1949
- 1964 में आँगन के पार द्वार पर साहित्य अकादमी पुरस्कार
- 1979 में कितनी नावों में कितनी बार पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ।
प्रेमचंद किस प्रवृत्ति के उपन्यासकार हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
उपन्यास Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFप्रेमचंद 'आदर्शोन्मुख यथार्थवादी प्रवृत्ति' के उपन्यासकार हैं। Key Points
आदर्शवाद - आदर्शवाद उन विचारों और मान्यताओं की समेकित विचारधारा है, जिनके अनुसार इस जगत की समस्त वस्तुएँ विचार या चेतना की अभिव्यक्ति है। सृष्टि का सारतत्त्व जड़ पदार्थ नहीं अपितु मूल चेतना है।
यथार्थवाद - यथार्थवाद विचारधारा उस वस्तु एवं भौतिक जगत को सत्य मानती है, जिसका हम ज्ञानेन्द्रियों द्वारा प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं। पशु, पक्षी, मानव, जल थल, आकाश इत्यादि सभी वस्तुओं का हम प्रत्यक्षीकरण कर सकते हैं, इसलिए ये सभी सत्य हैं, वास्तविक हैं।
आदर्शोन्मुख यथार्थवादी -आदर्शोन्मुख यथार्थवाद में यथार्थ का चित्रण करते हुए भी आदर्श की स्थापना पर बल दिया जाता था। इस प्रवृत्ति की ओर प्रथम महत्त्वपूर्ण संकेत प्रेमचन्द का है।
Additional Information
- धनपत राय श्रीवास्तव को प्रेमचंद के नाम से जानते है।
- प्रेमचंद जी ने हिंदी उपन्यास और कहानी विधा को नया मोड़ दिया। उनकी रचनाएँ सामाजिक यथार्थ से साहित्य को जोड़ती है।
- हिंदी में सामाजिक उपन्यासों का आधुनिक अर्थ में सूत्रपात प्रेमचंद (1880-1936) से हुआ।
- "सेवासदन', "रंगभूमि', "कायाकल्प', "गबन', "निर्मला', "गोदान', आदि प्रसिद्ध उपन्यास हैं, जिनमें ग्रामीण वातावरण का उत्तम चित्रण है।
- उनके उपन्यास हिंदी में आधुनिक सामाजिक सुधारवादी विचारधारा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- प्रेमचंद आदर्शोन्मुख यथार्थवादी प्रवृत्ति के उपन्यासकार हैं।
'अधखिला फूल' किसके द्वारा रचित उपन्यास है?
Answer (Detailed Solution Below)
उपन्यास Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF'अधखिला फूल 'अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'' द्वारा रचित उपन्यास है।
- प्रकाशन वर्ष : 1907
Key Points
- चोखे चौपदे मुक्तक काव्य श्रेणी का श्रेष्ठ काव्य है, इसके लेखक भी अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' है।
- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' की अन्य रचनाएँ-
- - चोखे चौपदे, चुभते चौपदे, कल्पलता, बोलचाल, पारिजात और हरिऔध सतसई मुक्तक काव्य
- उपन्यास - ठेठ हिंदी का ठाठ और अधखिला फूल
- महाकाव्य - प्रियप्रवास, वैदेही वनवास
Additional Information
अन्य विकल्प-
- कनुप्रिया - धर्मवीर भारती
- पथिक - रामनरेश त्रिपाठी
निम्न में कौन सा सही सुमेलित नहीं है
Answer (Detailed Solution Below)
उपन्यास Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF- उपन्यास आधुनिक गद्य की एक प्रमुख विधा है जिसका जन्म 18 वीं शताब्दी में पश्चिम में हुआ ।
- उपन्यास का अर्थ है वह रचना जो सामाजिक जीवन के निकट हो , सामाजिक जीवन के निकट होने के कारण ही उपन्यास को ' आधुनिक युग का महाकाव्य ' कहा गया है ।
- उसका बचपन उपन्यास मन्नू भंडारी द्वारा लिखित नहीं है, यह उपन्यास कृष्ण बलदेव वैद ने लिखा है ।
Key Points
- 'आपका बंटी 'और' महाभोज' मन्नू भंडारी के चर्चित उपन्यास हैं ।
- आपका बंटी तलाकशुदा दम्पति और उनकी संतान को केंद्र में रखकर लिखा गया है ।
- महाभोज में समकालीन राजनीति में मूल्यहीनता की प्रवृत्ति का चित्रण हुआ है ।
- एक इंच मुस्कान राजेंन्द्र यादव और मन्नू भंडारी की सहयोगी रचना है ।
- गुनाहों का देवता - 1949 ई., धर्मवीर भारती कृत यह उपन्यास सुधा और चंदर की भावुकतापूर्ण प्रेमकथा है ।
- कितने पाकिस्तान - 2000 ई., धर्म, जाति, भाषा आदि तमाम आधारों पर समाज को बाँटने की कुत्सित प्रवृत्ति का चित्रण हुआ है ।
- सारा आकाश - 1960 ई., राजेन्द्र यादव कृत ' प्रेत बोलते हैं ' उपन्यास बाद में सारा आकाश नाम से प्रकाशित हुआ, असफल दाम्पत्य जीवन का चित्रण ।
- उसका बचपन - 1957 ई., विभाजन पर आधारित ।
जयशंकर ‘प्रसाद’ का उपन्यास है
Answer (Detailed Solution Below)
उपन्यास Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'कंकाल' है।
Key Points
- 'कंकाल' उपन्यास जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित है।
- जयशंकर प्रसाद छायावादी कवि हैं।
- काव्य के साथ ही इन्होंने उपन्यास भी लिखे।
- कंकाल के अलावा तितली और इरावती इनके अन्य उपन्यास हैं।
अन्य विकल्प:
- वितस्ता की लहरें (नाटक) - लक्ष्मी नारायण मिश्र
- दीपदान (एकांकी)- रामकुमार वर्मा
- जयद्रथवध (खंडकाव्य)- मैथिलीशरण गुप्त
Additional Information
- वह वस्तु या कृति जिसको पढ़कर ऐसा लगे कि हमारी ही हैं, इसमें हमारे ही जीवन का प्रतिबिम्ब हैं, 'उपन्यास' है।
- 'उपन्यास' शब्द का प्रयोग प्राचीन संस्कृत साहित्य में भी मिलता है।
- संस्कृत लक्षण ग्रन्थों में इस शब्द का प्रयोग नाटक की संधियों के उपभेद के लिए हुआ था।
'गोदान' कब प्रकाशित हुआ?
Answer (Detailed Solution Below)
उपन्यास Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF- गोदान (1936 ई.)
- गोदान, प्रेमचन्द का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है।
- इसका प्रकाशन 1936 ई० में हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, बम्बई द्वारा किया गया था।
- गोदान में भारतीय किसान का संपूर्ण जीवन - उसकी आकांक्षा और निराशा, उसकी धर्मभीरुता और भारतपरायणता के साथ स्वार्थपरता ओर बैठकबाजी, उसकी बेबसी और निरीहता- का जीता जागता चित्र उपस्थित किया गया है।
- प्रमुख पात्र
- ग्रामीण पात्र :- होरी, झिंगुरी सिंह, सिलिया, गोबर, धनिया, झुनिया, दातादीन, मातादीन, नोखे राम
- नगरिय पात्र :- दुलारी, सहूआइन, राय साहब, अमरपाल सिंह, ओंकारनाथ, श्याम बिहारी तन्खा, खन्ना, मेहता, मिर्जाखुर्शीद,मालती
Key Points
- परीक्षा गुरु :- श्रीनिवास दास , 1882 ईस्वी
- गोदान :- प्रेमचंद , 1936 ईस्वी
- शेखर एक जीवनी :- अज्ञेय , 1941 ईस्वी
- तमस :- भीष्म साहनी , 1973 ईस्वी
- परीक्षा गुरू
- परीक्षा गुरू "हिन्दी का प्रथम उपन्यास" था।
- जिसकी रचना भारतेन्दु युग के प्रसिद्ध नाटककार लाला श्रीनिवास दास ने 25 नवम्बर,1882 को की थी।
- प्रमुख पात्र :- लाला मदनमोहन, ब्रजकिशोर, मुंशी चुन्नीलाल, मास्टर शंभू दयाल
- शेखर एक जीवनी
- शेखर एक जीवनी, सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्सयायन अज्ञेय का मनोविश्लेषणात्मक उपन्यास है।
- इसके दो भाग हैं
- प्रथम भाग का प्रकाशन 1941 में
- दूसरे भाग का प्रकाशन 1944 में
- इसमें अज्ञेय ने बालमन पर पड़ने वाले काम, अहम और भय के प्रभाव तथा उसकी प्रकृति पर मनोवैज्ञानिक ढंग से विचार किया है।
- प्रमुख पात्र :- शेखर, सरस्वती, शशि, शारदा, शांति
- तमस
- तमस, भीष्म साहनी का सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है।
- इसका प्रकाशन 1973 में हुआ था।
- तमस को 1975 में "साहित्य अकादमी पुरस्कार" से भी सम्मानित किया गया था।
- प्रमुख पात्र :- वानप्रस्थ जी, मुराद अली, नत्थू, रिचर्ड, लीजा, बख्शी जी, जरनैल सिंह, हरनाम, बंन्तो, लक्ष्मी नारायण, नूर इलाही, मोहन
'मुझे चाँद चाहिए' विधा है:
Answer (Detailed Solution Below)
उपन्यास Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF'मुझे चांद चाहिए' उपन्यास है, अन्य विकल्प असंगत है, अत: विकल्प 4 उपन्यास सही उत्तर होगा।
- मुझे चाँद चाहिए हिन्दी के विख्यात साहित्यकार सुरेन्द्र वर्मा द्वारा रचित एक उपन्यास है ।
- सुरेन्द्र वर्मा ने इस उपन्यास में अभिनय कला के लिए किए जाने वाले कलाकार के संघर्ष का गहरे पीड़ा - बोध और कलात्मक संयम के साथ अंकन किया है।
- इसके लिये उन्हें सन् 1996 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- "मुझे चाँद चाहिए " वर्षा वशिष्ठ के संघर्षों, सफलताओं और आकर्षणों की कहानी है।