निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व विश्व में व्यावसायिक ऊर्जा खपत का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है?

This question was previously asked in
Bihar STET TGT (Social Science) Official Paper-I (Held On: 18 Sept, 2023 Shift 6)
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  1. नाभिकीय ऊर्जा
  2. प्राकृतिक गैस
  3. तेल
  4. कोयला

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : तेल
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Bihar STET Paper 1 Mathematics Full Test 1
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विश्व में वाणिज्यिक ऊर्जा खपत का सबसे बड़ा स्रोत तेल, या अधिक विशेष रूप से, पेट्रोलियम है।

Key Points

  • कच्चे तेल और इसके परिष्कृत उत्पाद जैसे गैसोलीन, डीजल और जेट ईंधन सहित पेट्रोलियम उत्पादों का उपयोग व्यापक रूप से परिवहन, औद्योगिक प्रक्रियाओं तथा ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जाता है।
  • यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि तकनीकी प्रगति, ऊर्जा नीतियों में बदलाव तथा उभरते वैश्विक रुझानों के कारण ऊर्जा परिदृश्य समय के साथ बदल सकता है।
  • वाणिज्यिक ऊर्जा खपत के अन्य स्रोतों में कोयला, प्राकृतिक गैस और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत सम्मिलित हैं, लेकिन पेट्रोलियम ऐतिहासिक रूप से वैश्विक ऊर्जा खपत में प्राथमिक स्रोत रहा है।​

Additional Information कोयला, प्राकृतिक गैस और नाभिकीय ऊर्जा स्रोतों का संक्षिप्त विवरण निम्न दिया गया है:

  1. कोयला:
    • संरचना: जीवाश्म ईंधन मुख्यतः हाइड्रोजन, सल्फर, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन के साथ-साथ कार्बन से बना है।
    • निष्कर्षण: इसे भूमिगत या सतही खदानों से खनन किया जाता है।
    • उपयोग: इसका उपयोग मुख्य रूप से विद्युत उत्पादन और औद्योगिक प्रक्रियाओं के लिए किया जाता है।
    • पर्यावरणीय प्रभाव: यह कार्बन डाइऑक्साइड और प्रदूषकों को मुक्त करता है, जिससे वायु प्रदूषण और जलवायु में परिवर्तन होता है।
  2. प्राकृतिक गैस:
    • संरचना: इसमें मुख्यतः मीथेन के साथ थोड़ी मात्रा में अन्य हाइड्रोकार्बन होते हैं।
    • निष्कर्षण: इसे भूमिगत भण्डार से निष्कर्षित किया जाता है।
    • उपयोग: इसका उपयोग व्यापक रूप से विद्युत उत्पादन, तापन और वाहनों के लिए ईंधन के रूप में किया जाता है।
    • पर्यावरणीय प्रभाव: यह कोयले की तुलना में कम प्रदूषक और कम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करता है लेकिन फिर भी इससे ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन होता है।
  3. नाभिकीय ऊर्जा:
    • स्रोत: इसे नाभिकीय भट्टियों में यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239 समस्थानिकों के विखंडन से प्राप्त किया जाता है।
    • उत्पादन: विखंडन के दौरान उत्पन्न ऊष्मा का उपयोग भाप उत्पन्न करने के लिए किया जाता है,जिसका उपयोग विद्युत का उत्पादन​ करने के लिए टरबाइन में किया जाता है।
    • उपयोग: यह कम कार्बन उत्सर्जन के साथ बेसलोड विद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।
    • पर्यावरणीय प्रभाव: इससे ग्रीनहाउस गैस का न्यूनतम उत्सर्जन होता है, लेकिन इसमें नाभिकीय दुर्घटनाएँ, रेडियोधर्मी अपशिष्ट और उच्च प्रारंभिक लागत जैसी समस्याएं संबंधित हैं।

प्रत्येक ऊर्जा स्रोत के अपने लाभ और नुकसान हैं, और इनके बीच का चयन प्रायः उपलब्धता, लागत, पर्यावरणीय विचारों तथा नीतिगत निर्णयों जैसे कारकों पर निर्भर करता है।

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