"यों रहीम जस होत है, उपकारी के संग।

बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग।।"

प्रस्तुत उदाहरण किस अलंकार का है ?

This question was previously asked in
MPPSC Assistant Prof 2022 (Hindi) Official Paper-II (Held On: 28 Jan, 2024)
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  1. दृष्टांत
  2. उदाहरण
  3. निदर्शना
  4. असंगति

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Option 2 : उदाहरण
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MPPSC Assistant Professor UT 1: MP History, Culture and Literature
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"यों रहीम जस होत है, उपकारी के संग।

बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग।।"

प्रस्तुत उदाहरण अलंकार का है - उदाहरण

Key Points

  • इस दोहे में रहीम कह रहे हैं कि उपकारी व्यक्ति के संग रहने से उसी प्रकार गुण प्राप्त होते हैं
  • जैसे मेहंदी बांटने वाले के हाथों में मेहंदी का रंग लग जाता है।
  • यहाँ पर "बाँटन वारे को लगय ज्यौ मेहंदी को रंग" के माध्यम से
    • उपकारी के संग रहने का प्रभाव समझाने के लिए उदाहरण दिया गया है।
  • इसलिए यह उदाहरण अलंकार है।

Important Pointsउदाहरण अलंकार:-

  • जब किसी कथन या भाव को स्पष्ट करने के लिए किसी उदाहरण का प्रयोग किया जाता है, तब उदाहरण अलंकार होता है। 
  • जैसे-
    • ऐसी गति संसार की, ज्यों गाङर का ठाठ।
    • एक पङा जेहि खांङ में, सबहिं जाहिं तेहि बाट।।
  • (स्पष्टीकरण– इस उदाहरण में कहा गया है कि इस संसार की स्थिति उस भेङ की तरह है
    • जहाँ एक जाती है, वहाँ सभी जाती हैं। अतः यहाँ पर उदाहरण अलंकार है।)

Additional Information

दृष्टांत:-

  • जहां किसी बात को कहकर, उससे मिलती-जुलती बात द्वारा दृष्टांत दिया जाए, वहां दृष्टांत अलंकार होता है

उदाहरण-

  • सठ सुधरहिं सत संगति पाई।
  • परस परसि कुधातु सुहाई।।
  • (यहाँ प्रथम वाक्य सत्संगति से दुष्ट भी उस प्रकार सुधर जाते हैं इसे दुसरे वाक्य पारस के स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है इसे प्रतिबिम्ब के द्वारा बताया है)

निदर्शना:-

  • जब उपमेय और उपमान के से दो वाक्यों में अर्थ की भिन्नता होते हुए भी, एक- दूसरे का सम्बन्ध इस प्रकार स्थापित किया जाय कि उनमें समानता प्रतीत होने लगे, तब निदर्शना अलंकार होता है।

उदाहरण -

  • यह प्रेम को पंथ कराल महा,
  • तरवार की धार पै धावनो है।
  • (यहाँ पर प्रेम के पंथ पर चलना तलवार की धार पर दौड़ना नहीं है, पर तलवार की धार पर दौड़ने के समान उसे दुष्कर बताया गया है। अतः यहाँ निदर्शना अलंकार है।)
  •  

असंगति:-

  • जहाँ पर जो कारण होता है, कार्य भी वहीं होना चाहिए। चोट पाँव में लगे, तो दर्द भी पाँ में ही होना चाहिए।
  • लेकिन जहाँ कारण कहीं और कार्य कहीं और होने का वर्णन होता है, तो वहाँ 'असंगति अलंकार' होता है।

उदाहरण-  

  • तुमने पैरों में लगाई मेंहदी
  • मेरी आँखों में समाई मेंहदी।
  • (यहाँ पर मेंहदी पैरो में लगाई गई परन्तु मेहदी को आंखों से देखकर उसका परिणाम निश्चित किया जा रहा है।)
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