लोक प्रशासन में एक मजबूत नैतिक संहिता स्थापित करने के लिए निम्नलिखित आदर्शों को अपनाया जा सकता है:
● मूल महत्व: अखंडता, जवाबदेही, पारदर्शिता और कानून के शासन के प्रति सम्मान जैसे मूलभूत मूल्यों को परिभाषित करना।
● आचरण के सिद्धांत: निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में निष्पक्षता, न्यायसंगतता और गोपनीयता सहित व्यवहार का मार्गदर्शन करने वाले विशिष्ट सिद्धांतों की रूपरेखा तैयार करना।
● हितों का टकराव नीति: हितों के टकराव की पहचान करने और उसका प्रबंधन करने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश लागू करना, यह सुनिश्चित करना कि लोक सेवक व्यक्तिगत लाभ से अधिक जनता की भलाई को प्राथमिकता देना।
● मुखबिर संरक्षण: जवाबदेही की संस्कृति को बढ़ावा देते हुए, प्रतिशोध के डर के बिना अनैतिक व्यवहार की रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करने के लिए तंत्र स्थापित करना।
● प्रशिक्षण और जागरूकता: कर्मचारियों को नैतिक मानदंड और उनके सामने आने वाली दुविधाओं के बारे में शिक्षित करने के लिए नियमित प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना।
● निगरानी और प्रवर्तन: अनुपालन की निगरानी करने, उल्लंघनों की जांच करने और आवश्यक होने पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक स्वतंत्र नैतिकता समिति बनाना।
● दूसरों के प्रति सम्मान: सहकर्मियों, हितधारकों और जनता के प्रति सम्मान दिखाना। सहयोगात्मक और सहायक कार्यों जैसे परिवेश को बढ़ावा देना। दूसरों के साथ शिष्टाचार और सम्मान के साथ व्यवहार करना।
इस मॉडल का उद्देश्य नैतिक व्यवहार को सुदृढ़ करना और शासन में जनता का विश्वास बहाल करना है।
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