Question
Download Solution PDFदेवनागरी लिपि मूलत: क्या है ?
This question was previously asked in
MPPSC Assistant Prof 2022 (Hindi) Official Paper-II (Held On: 28 Jan, 2024)
Answer (Detailed Solution Below)
Option 2 : अक्षरात्मक
Free Tests
View all Free tests >
MPPSC Assistant Professor UT 1: MP History, Culture and Literature
2.3 K Users
20 Questions
80 Marks
24 Mins
Detailed Solution
Download Solution PDFदेवनागरी लिपि मूलत: है - अक्षरात्मक
Key Points
- भाषावैज्ञानिक दृष्टि से देवनागरी लिपि अक्षरात्मक (सिलेबिक) लिपि मानी जाती है।
- लिपि के विकाससोपानों की दृष्टि से "चित्रात्मक", "भावात्मक" और "भावचित्रात्मक" लिपियों के अनन्तर "अक्षरात्मक" स्तर की लिपियों का विकास माना जाता है।
Important Pointsदेवनागरी लिपि-
- यह भारत में सर्वाधिक प्रचलित लिपि जिसमें संस्कृत, हिन्दी और मराठी भाषाएँ लिखी जाती हैं।
- देवनागरी भारतीय उपमहाद्वीप में प्रयुक्त प्राचीन ब्राह्मी लिपि पर आधारित बाएँ से दाएँ आबूगीदा है।
- इसमें कुल 52 अक्षर हैं, जिसमें 14 स्वर और 38 व्यंजन हैं। अक्षरों की क्रम व्यवस्था, विन्यास भी बहुत ही वैज्ञानिक है।
- स्वर-व्यंजन, कोमल-कठोर, अल्पप्राण-महाप्राण, अनुनासिक्य-अन्तस्थ-उष्म इत्यादि वर्गीकरण भी वैज्ञानिक हैं।
Additional Information
- "देवनागरी" को अक्षरात्मक इसलिए कहा जाता है कि इसके वर्ण- अक्षर (सिलेबिल) हैं- स्वर भी और व्यंजन भी।
- "क", "ख" आदि व्यंजन सस्वर हैं- अकारयुक्त हैं। वे केवल ध्वनियाँ नहीं हैं अपितु सस्वर अक्षर हैं।
- अत: ग्रीक, रोमन आदि वर्णमालाएँ हैं। परंतु यहाँ यह ध्यान रखने की बात है कि भारत की "ब्राह्मी" या "भारती"
- वर्णमाला की ध्वनियों में व्यंजनों का "पाणिनि" ने वर्णसमाम्नाय के १४ सूत्रों में जो स्वरूप परिचय दिया है-
- उसके विषय में "पतंजलि" (द्वितीय शताब्दी ई.पू.) ने यह स्पष्ट बता दिया है
- कि व्यंजनों में संनियोजित "अकार" स्वर का उपयोग केवल उच्चारण के उद्देश्य से है।
- वह तत्वतः वर्ण का अंग नहीं है। इस दृष्टि से विचार करते हुए कहा जा सकता है
- कि देवनागरी लिपि की वर्णमाला तत्वतः ध्वन्यात्मक है, अक्षरात्मक नहीं।
Last updated on Feb 10, 2025
-> The last date to apply for MPPSC Assistant Professor Recruitment has been extended to 10th April 2025.
-> MPPSC Assistant Professor 2025 Notification has been released for 2117 vacancies..
-> The selected candidates will get a salary of Rs. 57,700 to Rs. 1,82,400.
-> Candidates who want a successful selection for the post must refer to the MPPSC Assistant Professor Previous Year Papers to understand the type of questions in the examination.