अवलोकन
टेस्ट सीरीज़
संपादकीय |
30 दिसंबर, 2024 को द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित संपादकीय मणिपुर में संवैधानिक व्यवस्था बहाल करना पर आधारित |
यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के लिए विषय |
न्यायिक निगरानी, विशेष जांच दल (एसआईटी), स्वप्रेरणा, अनुसूचित जनजाति (एसटी) |
यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए विषय |
जातीय हिंसा के कारण और परिणाम, संकट के दौरान भारतीय राज्यों का प्रशासन, न्यायपालिका में प्रणालीगत सुधार की आवश्यकता, जातीय हिंसा के कारण आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियाँ |
संदर्भ: 2024 के दौरान मणिपुर की जातीय हिंसा में सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप ने न्यायिक निगरानी में अंतराल को उजागर किया और कानून के शासन को बहाल करने के उपाय सुझाए।
राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) पर लेख पढ़ें!
न्यायिक निगरानी में प्रणालीगत विफलता, प्रशासनिक अंतराल और असंगत प्रतिक्रियाओं ने मणिपुर में प्रभावी संकट प्रबंधन में बाधा उत्पन्न की है।
न्यायिक समीक्षा पर लेख पढ़ें!
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इस संकट के कारण सैन्यीकृत भौगोलिक विभाजन, शासन व्यवस्था का पतन, बड़े पैमाने पर विस्थापन, तथा जातीय-सांस्कृतिक शपथों का लागू होना, कानून और व्यवस्था की गंभीर गिरावट को उजागर करता है।
न्यायिक अतिक्रमण पर लेख पढ़ें!
सर्वोच्च न्यायालय ने समितियां और जांच दल गठित किए, स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई की, राहत उपायों का निर्देश दिया, तथा संकट के समाधान के लिए संपत्ति और छात्रों के पुनर्वास के मुद्दों पर विचार किया।
भारतीय संविधान में आपातकालीन प्रावधानों पर लेख पढ़ें!
मणिपुर में कानून का शासन बहाल करने के लिए मुकदमों के स्थानांतरण के माध्यम से न्यायिक निष्पक्षता को बढ़ाना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना, द्विदलीय आयोग का गठन करना, एक समर्पित सर्वोच्च न्यायालय पीठ की स्थापना करना तथा प्रणालीबद्ध शासन सुधारों को लागू करना महत्वपूर्ण है।
हमें उम्मीद है कि उपरोक्त लेख को पढ़ने के बाद इस विषय से संबंधित आपकी शंकाएँ दूर हो गई होंगी। टेस्टबुक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली तैयारी सामग्री प्रदान करता है। यहाँ टेस्टबुक ऐप डाउनलोड करके अपनी UPSC IAS परीक्षा की तैयारी में सफल हों!
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