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Last updated on Mar 21, 2025
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विसर्ग संधि Question 1:
'धनुष्टंकार' का संधि विच्छेद करें।
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर है - "धनु:+टंकार" l
Key Points
- "धनुष्टंकार" शब्द का संधि -विच्छेद है - धनु:+टंकार l
- यहां पर विसर्ग संधि का प्रयोग है l
- विसर्ग संधि में विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।
- जैसे -
- दुः + आत्मा = दुरात्मा
- निः + कपट = निष्कपट
अन्य विकल्पों का विश्लेषण :-
- धनुष+टंकार, धनुष्टंक+आर, धनुस+टंकार - यह गलत विकल्प है क्योंकि इनमें से किसी की संधि करने पर हमें धनुष्टंकार शब्द नहीं मिलेगा l
Additional Information
- धनुष्टंकार शब्द का अर्थ है -
- वह ध्वनि जो धनुष की डोरी को खींचकर छोड़ने पर होती है l
- विसर्ग संधि के उदाहरण :-
- उर: + ज = उरोज
- शिर: + भाग = शिरोभाग
- अध: + गामी = अधोगामी
- अध: + भूमि = अधोभूमि
- संधि का अर्थ - सन्धि (सम् + धि) शब्द का अर्थ है 'मेल' या जोड़।
- दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है।
- संधि के तीन भेद होते हैं-
- स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि।
विसर्ग संधि Question 2:
'बहिष्कार' का संधि-विच्छेद होगा:
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर बहि: + कार है।
Key Points
- 'बहिष्कार' का संधि-विच्छेद होगा- बहि: + कार
- बहिष्कार में विसर्ग से पहले इ है और विसर्ग के बाद क है इसलिए विसर्ग 'ष' में बदल गया।
- यह विसर्ग संधि का उदाहरण है।
अन्य उदाहरण-
- निः + कपट= निष्कपट
- निः + फल= निष्फल
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर 2. व्यंजन और 3. विसर्ग। |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा |
विसर्ग संधि Question 3:
'नीरोग' का संधि-विच्छेद है:
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 3 Detailed Solution
'नीरोग' का संधि-विच्छेद है- नि: + रोग
- निः + रोग = नीरोग
- 'नीरोग' में विसर्ग संधि है।
- नीरोग - जिसे कोई रोग अथवा बीमारी न हो, तंदुरुस्त, स्वस्थ।
Confusion Pointsविसर्ग संधि का नियम-
- विसर्ग से पहले आ को छोड़कर किसी अन्य स्वर के होने पर और विसर्ग के बाद र रहने पर विसर्ग लुप्त हो जाता है,
- यदि उससे पहले हस्व स्वर हो तो वह दीर्घ हो जाता है।
जैसे-
- नि: + रस = नीरस
Key Pointsविसर्ग:-
- जब संधि करते समय विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन वर्ण के आने से जो विकार (परिवर्तन) उत्पन्न होता है, हम उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
उदाहरण-
- यशः + दा = यशोदा
- निः + तेज़ = निस्तेज
- दु: + शाशन = दुश्शाशन
- दु: + उपयोग = दुरूपयोग
- अंतः + राष्ट्रीय = अंतर्राष्ट्रीय
विसर्ग संधि Question 4:
यदि विसर्ग के पहले 'अ' हो और परे क, ख, प, फ में से कोई वर्ण हो, तो विसर्ग क्या परिवर्तन हो जायेगा?
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 4 Detailed Solution
- यदि विसर्ग के पहले 'अ' हो और परे क, ख, प, फ में से कोई वर्ण हो, तो विसर्ग में कोई परिवर्तन नहीं होगा l
- अगर संधि के समय विसर्ग के बाद क, ख या प, फ हों तो विसर्ग में कोई विकार नहीं होता।
- उदाहरण:-
- रज: + कण = रज:कण
- पय: + पान = पय:पान
- यह विसर्ग संधि का एक नियम है l यह ऐसे कुछ अपवादों में से है, जहां संधि होने के बाद भी विसर्ग ज्यों का त्यों बना रहेगा l
- विसर्ग संधि -
- विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन मेल से जो विकार होता है उसे विसर्ग संधि कहते है।
- दूसरे शब्दों में - स्वर और व्यंजन के मेल से विसर्ग में जो विसर्ग होता है उसे विसर्ग संधि कहते है। हम ऐसे भी कह सकते हैं- विसर्ग ( : ) के साथ जब किसी स्वर अथवा व्यंजन का मेल होता है तो उसे विसर्ग-संधि कहते हैं।
अन्य विकल्पों का विश्लेषण:-
- अन्य विकल्प अनुचित उत्तर है क्योंकि हमें पता है कि ऐसी स्थिति में विसर्ग ज्यों का त्यों ही रहेगा l
Additional Information
- संधि का शाब्दिक अर्थ होता है मेल अर्थात जब दो या दो से अधिक वर्ण मिलते है और एक शब्द बनाते है तो इस सम्पूर्ण प्रक्रिया को संधि कहा जाता है।
- संधि तीन प्रकार की होती है :-
- स्वर संधि,
- व्यंजन संधि,
- विसर्ग संधि l
- विसर्ग संधि के उदाहरण इस प्रकार है :-
- निः + चल = निश्चल
- निः + ठुर = निष्ठुर
- धनुः + टंकार = धनुष्टंकार
- मनः + ताप = मस्तान
- निः + जन = निर्जन
- निः + भर = निर्भर
विसर्ग संधि Question 5:
'निष्कपट' में संधि है
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर 'विसर्ग संधि' है।
Key Points
- 'निष्कपट' में विसर्ग संधि है।
- निष्कपट शब्द का सन्धि विच्छेद 'निः + कपट' है।
- विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से जो विकार होता है उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
अन्य विकल्प:
- गुण संधि - जब अ, आ के आगे इ, ई या ‘उ’, ‘ऊ’ तथा ‘ऋ’ हो तो क्रमश: ए, ओ और अर् हो जाता है, इसे गुण सन्धि कहते हैं।
- जैसे - उप + इन्द्र = उपेन्द्र।
- यण संधि - जब इ, ई, उ, ऊ, ऋ के आगे कोई भिन्न स्वर आता है तो ये क्रमश: य, व, र, ल् में परिवर्तित हो जाते हैं, इस परिवर्तन को यण सन्धि कहते हैं।
- जैसे - अति + अल्प = अत्यल्प
- व्यंजन संधि - व्यंजन के साथ व्यंजन या स्वर का मेल होने से जो विकार होता है, उसे व्यंजन सन्धि कहते हैं।
- जैसे - दिक् + अम्बर = दिगम्बर।
Additional Information
- दो वर्णों या ध्वनियों के संयोग से होने वाले विकार (परिवर्तन) को सन्धि कहते हैं।
- संधि करते समय कभी–कभी एक अक्षर में, कभी–कभी दोनों अक्षरों में परिवर्तन होता है और कभी–कभी दोनों अक्षरों के स्थान पर एक तीसरा अक्षर बन जाता है।
-
सन्धियाँ तीन प्रकार की होती हैं-
-
स्वर सन्धि
-
व्यंजन सन्धि
-
विसर्ग सन्धि
विसर्ग संधि Question 6:
'धनुष्टंकार' शब्द का संधि-विच्छेद है
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 6 Detailed Solution
सही उत्तर 'धनु: + टंकार' है।
- धनुष्टंकार का उचित संधि विच्छेद 'धनु: + टंकार' होगा।
- धनुष्टंकार शब्द में विसर्ग संधि है।
- स्वर और व्यंजन के मेल से विसर्ग में जो विसर्ग होता है उसे विसर्ग संधि कहते है।
Additional Information
- दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है।
- इसके तीन भेद हैं -
- स्वर संधि
- व्यंजन संधि
- विसर्ग संधि
विसर्ग संधि Question 7:
'मनस्ताप' का संधि विच्छेद होगा:
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 7 Detailed Solution
- मनस्ताप शब्द में विसर्ग संधि हुई है।
- विसर्ग के बाद यदि 'त' या 'थ' हो तो विसर्ग का 'स' हो जाता है।
- जैसे : मन: + ताप = मनस्ताप
स्पष्टीकरण:
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विसर्ग संधि Question 8:
'पुरस्कार' में संधि है:
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 8 Detailed Solution
- ‘पुरस्कार’ में विसर्ग संधि है।
- पुरस्कार का संधि विच्छेद = पुर: + कार।
Key Points
- विसर्ग संधि : विसर्ग तथा व्यंजन या स्वर के परस्पर मेल से जो विकार उत्पन्न होता है उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
उदाहरण :- निः + चय = निश्चय
- दुः + चरित्र = दुश्चरित्र
- नमः + कार = नमस्कार
- भः + कर = भास्कर।
अन्य विकल्प :
गुण स्वर संधि :
- जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ए’ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ओ’ बनता है,
जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर’ बनता है तो यह गुण स्वर संधि कहलाती है।
उदाहरण :- नर + इंद्र = नरेंद्र
- गज + इंद्र = गजेन्द्र।
यण स्वर संधि :
इ, ई के आगे कोई विजातीय (असमान) स्वर होने पर इ ई को ‘य्’ हो जाता है। उ, ऊ के आगे किसी विजातीय स्वर के आने पर उ ऊ को ‘व्’ हो जाता है।
‘ऋ’ के आगे किसी विजातीय स्वर के आने पर ऋ को ‘र्’ हो जाता है। इन्हें यण-संधि कहते हैं।
यण संधि के कुछ अन्य उदाहरण :
- अति + अधिक : अत्यधिक (इ + अ = य) प्रति + अक्ष : प्रत्यक्ष (इ + अ = य) प्रति + आघात : प्रत्याघात (इ + आ = या) अति + अंत : अत्यंत (इ + अ = य)
व्यंजन संधि :
किसी व्यंजन का व्यंजन से अथवा किसी स्वर से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं।
उदाहरण :
- दिक् + अम्बर = दिगम्बर
- सत् + आचारः = सदाचारः
Additional Information सन्धि :
दो या अधिक वर्णों के पास-पास आने के परिणामस्वरूप जो विकार उत्पन्न होता है उसे सन्धि कहते हैं। मुख्य रूप से संधि के तीन प्रकार होते है:-
- यदि + अपि = यद्यपि
- इति + आदि = इत्यादि।
- स्वर संधि
- व्यंजन संधि
- विसर्ग संधि
विसर्ग संधि Question 9:
'तिरस्कार' शब्द का संधि -विच्छेद है?
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 9 Detailed Solution
'तिरस्कार' शब्द का संधि -विच्छेद है - 'तिरः + कार'
- 'तिरस्कार' शब्द में विसर्ग संधि है।
- स्पष्टीकरण - यदि प्रथम पद के अंत में अ, आ स्वर के बाद विसर्ग आये तथा दूसरे पद के प्रारंभ में क् ,ख् ,प् ,फ् में से कोई एक वर्ण आये तो विसर्ग दन्त्य 'स्' में बदल जाता है।
- जैसे - नमः + कार = नमस्कार
- तिरस्कार - अनादर, अपमान, अवज्ञा, अवहेलना, अवमानना, परिभव।
- विलोम शब्द - 'सत्कार'
Key Pointsविसर्ग संधि:-
- जब संधि करते समय विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन वर्ण के आने से जो विकार उत्पन्न होता है, हम उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
उदाहरण -
- नि: + चल = निश्चल
- अंतः + ध्यान = अंतर्ध्यान
- नि: + संदेह = निस्संदेह
- मनः + भाव = मनोभाव
- दु: + उपयोग = दुरूपयोग
विसर्ग संधि Question 10:
'अतएव' का संधि-विच्छेद होगा:
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 10 Detailed Solution
- 'अतएव' का संधि विच्छेद 'अतः + एव' होगा।
- इसलिये 'अतः + एव' सही विकल्प होगा,अन्य सभी विकल्प असंगत है।
- विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन आने पर विसर्ग में जो विकार होता है,उसे 'विसर्ग संधि' कहा जाता है।
- जैसे: नि: + आहार = निराहार
- दु: + आशा = दुराशा
- अतएव शब्द में विसर्ग संधि हुई है,अतः दो शब्दों के बीच रहे विसर्ग का लोप हुआ है।
विसर्ग का लोप हो जाना:
- यदि विसर्ग के पहले 'अ' या 'आ' हो और विसर्ग के बाद कोई भिन्न स्वर हो तो विसर्ग का लोप हो जाता है।
- जैसे: अतः + एव = अतएव।