संधि सामान्य MCQ Quiz in मल्याळम - Objective Question with Answer for संधि सामान्य - സൗജന്യ PDF ഡൗൺലോഡ് ചെയ്യുക

Last updated on Mar 21, 2025

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Latest संधि सामान्य MCQ Objective Questions

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संधि सामान्य Question 1:

'आयुर्वेद' में कौन-सी सन्धि है।

  1. दीर्घ
  2. वृद्धि
  3. व्यंजन
  4. विसर्ग

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : विसर्ग

संधि सामान्य Question 1 Detailed Solution

विसर्ग सन्धि यहाँ सही विकल्प है, अन्य विकल्प असंगत है।

आयुर्वेद = आयु: + वेद, क्योंकि जब विसर्ग(:) के बाद स्वर अथवा व्यंजन का मेल होतो उनसे उत्पन्न विकार को, विसर्ग संधि कहते हैI

अन्य विकल्प

सन्धि

परिभाषा

उदाहरण

दीर्घ

जब दो समान स्वर मिलकर दीर्घ रूप धारण करते है, तो दीर्घ संधि कहलाती है।

गिरि + इन्द्र= गिरीन्द्र

गिरि + ईश= गिरीश

वृद्धि

यदि  अ/आ के बाद ए/ऐ हो, तो ‘ऐ’, ओ/औ हो, तो ‘औ’ बन जाता हैI  वृद्धि संधि कहलाती हैI

एक + एक =एकैक

परम + औषध =परमौषध

व्यंजन

  किसी  के साथ, किसी स्वर या व्यंजन का मिलान ही, व्यंजन संधि कहलाती हैI

अहम् + कार =अहंकार

परि + छेद= परिच्छेद

संधि सामान्य Question 2:

निम्नलिखित में संधि की दृष्टि से असंगत युग्म है : 

  1. परोपकार – गुण संधि  
  2. गिरीश – दीर्घ संधि  
  3. मतैक्य – यण् संधि
  4. सद्गुण – व्यंजन संधि 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : मतैक्य – यण् संधि

संधि सामान्य Question 2 Detailed Solution

संधि की दृष्टि से असंगत युग्म है - 'मतैक्य – यण् संधि'

  • 'मतैक्य' का संधि विच्छेद = मत + एक्य = मतैक्य (अ + ए = ऐ)
    • मतैक्य = मत की एकता, समानता।

वृद्धि संधि:-

  • जब संधि करते समय जब (अ , आ) के साथ (ए , ऐ) हो तो ‘ऐ' बनता है,
  • जब (अ , आ) के साथ (ओ , औ) हो तो ‘औ‘ बनता है। उसे वृद्धि संधि कहते हैं।

उदाहरण-

  • सदा + एव = सदैव (आ + ए = ऐ)
  • जल + ओघ = जलौघ (अ + ओ = )

Key Points

  • परोपकार – गुण संधि  
    • 'परोपकार' का संधि विच्छेद = पर + उपकार (अ + उ = )
  • गिरीश – दीर्घ संधि  
    • 'गिरीश' का संधि विच्छेद = गिरि + ईश (इ + ई = )
  • सद्गुण – व्यंजन संधि 
    • 'सद्गुण' का संधि विच्छेद = सत् + गुण (त् + ग = द्ग)

Additional Information

गुण संधि:-

  • जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ए‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ओ‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर्‘ बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है।

उदाहरण-​

  • देव + इन्द्र = देवेन्द्र(अ + इ = )
  • चन्द्र + उदय= चन्द्रोदय (अ + उ = )
  • महा + ऋषि = महर्षि (आ + ऋ = अर्)

दीर्घ संधि:-

  • जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो ‘आ‘ बनता है,
  • जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ई‘ बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ऊ‘ बनता है।

उदाहरण-​

  • विद्या + अभ्यास = विद्याभ्यास (आ + अ = आ)
  • गिरि + ईश = गिरीश (इ + ई = ई)
  • भानु + उदय = भानूदय (उ + उ = ऊ)

यण संधि:-

  • जब संधि करते समय (इ, ई) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘य‘ बन जाता है,
  • जब (उ, ऊ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘व‘ बन जाता है,
  • जब (ऋ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘र‘ बन जाता है।

उदाहरण-

  • अति + अंत = अत्यंत (इ + अ = )
  • अनु + अय = अन्वय (उ + अ= )
  • पितृ + आदेश = पित्रादेश (ऋ + आ= रा

व्यंजन संधि:-

  • जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं।

उदाहरण-

  • दिक् + गज = दिग्गज (क् + ग = ग्ग)
  • षट् + आनन = षडानन ( ट् + आ = डा)

संधि सामान्य Question 3:

स्वर संधि के कितने भेद होते हैं?

  1. चार
  2. पाँच 
  3. छह
  4. तीन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : पाँच 

संधि सामान्य Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर है - "पांच" l स्वर संधि के पांच भेद है l
Key Points
  • 'स्वर संधि' - दो स्वरों के मेल से होने वाले विकार (परिवर्तन) को स्वर-संधि कहते हैं।
    • उदाहरण:- मुनि + ईश = मुनीश l
  • स्वर संधि के 5 भेद हैं:-
    • दीर्घ संधि,
    • गुण संधि,
    • वृद्धि संधि,
    • अयादि संधि,
    • यण संधि l

अन्य विकल्पों का विश्लेषण:-

  • तीन, छह, चार गलत उत्तर है l
Additional Information
  • वृद्धि संधि -
    • वृद्धि संधि के अंतर्गत संधि करते समय जब अ, आ के बाद (ए, ऐ) आए तो ' ऐ' बनता है और जब अ, आ के बाद (ओ, औ) आए तो 'औ' बनता है, उसे वृधि संधि कहते हैं।
    • वृद्धि संधि का उदाहरण :-
      • महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य
      • राजा + ऐश्वर्य = राजेश्वर्य
  • दीर्घ संधि -
    • दीर्घ संधि स्वर संधि का एक भेद अथवा प्रकार है। जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो 'आ' बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो 'ई' बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो 'ऊ' बनता है। इस संधि को हम ह्रस्व संधि भी कह सकते हैं।
    • दीर्घ संधि का उदाहरण :-
      • परम + अर्थ = परमार्थ
      • सत्य + अर्थ = सत्यार्थ
  • गुण संधि -
    • जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो 'ए' बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो 'ओ' बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो 'अर' बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है।
    • गुण संधि का उदाहरण :-
      • गज + इन्द्र = गजेन्द्र
      • नर + इंद्र = नरेंद्र 
  • अयादि संधि -
    • एक प्रकार की स्वर संधि है। जब 'ए', 'ऐ', 'ओ' और 'औ' के साथ कोई अन्य स्वर हो तो 'ए' का 'अय्', 'ऐ' का 'आय्', 'ओ' का 'अव्' और 'औ' का 'आव्' बन जाता है। अयादि संधि करते समय पहले शब्द के अन्तिम स्वर, तथा दूसरे शब्द के प्रथम स्वर में पूर्वकथित विकार आ जाते हैं जो उन स्वरों का स्थान ले लेते हैं।
    • अयादि संधि का उदाहरण :
      • श्री + अन = श्रवण 
      • पौ + अक = पावक
  • यण संधि -
    • स्वर संधि का एक भेद अथवा प्रकार है। जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' य ' बन जाता है, जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' व् ' बन जाता है , जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' र ' बन जाता है।
    • यण-संधि का उदाहरण :-
      • इति + आदि = इत्यादि
      • पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा

संधि सामान्य Question 4:

निम्न में से किस शब्द का संधि-विच्छेद सही नहीं है?

  1. सचिवालय = सचिव + आलय
  2. युधिष्ठिर = युद्ध + इष्ठिर
  3. रामायण = राम + अयन
  4. नमस्ते = नमः + ते

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : युधिष्ठिर = युद्ध + इष्ठिर

संधि सामान्य Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर 'युधिष्ठिर = युद्ध + इष्ठिर' है। 

Key Points 
  • दिए गए विकल्पों में 'युधिष्ठिर = युद्ध + इष्ठिर' यह सही नहीं है। 
  • युधिष्ठिर का सही संधि विच्छेद 'युधि + स्थिर' होगा। 
  • यह व्यंजन संधि का उदाहरण है। 

अन्य विकल्प: 

  1. सचिवालय = सचिव + आलय, अ + आ= आ, दीर्घ स्वर संधि है। 
  2. रामायण = राम + अयन, इसमें दीर्घ संधि होगी। 
  3. नमस्ते = नमः + ते, इसमें विसर्ग संधि है। 

Additional Information 

  •  दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है।
  • इसके तीन भेद हैं - 
  1. स्वर संधि 
  2. व्यंजन संधि 
  3. विसर्ग संधि

संधि सामान्य Question 5:

‘मुनींद्र’ में कौन सी संधि है?

  1. व्यंजन सन्धि
  2. दीर्घ सन्धि
  3. अयादि सन्धि
  4. विसर्ग सन्धि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : दीर्घ सन्धि

संधि सामान्य Question 5 Detailed Solution

उपरोक्त विकल्पों में विकल्प दीर्घ सन्धि सटीक विकल्प है।  अतः स्पष्ट है कि अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points

  • इसका विग्रह करने पर हमे इ + इ = ई मुनि + इंद्र = मुनींद्र होने से यहाँ दीर्घ संधि हैं।

अन्य विकल्प :-

व्यंजन संधि

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्लास।

विसर्ग संधि

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – दुः + आत्मा =दुरात्मा, निः + कपट =निष्कपट।

अयादी संधि

ए, ऐ तथा ओ, औ का मेल किसी अन्य स्वर के साथ होने से क्रमशः ए का अय्, ऐ का आय, ओ का अव् तथा औ का आव् हो जाता है। जैसे – ने + अन (ए + अ) = नयन, गै + अक (ऐ + अ) = गायक।

संधि सामान्य Question 6:

वधूर्मि का सन्धि विच्छेद है -

  1. वधू + उर्मि
  2. वधू + ऊर्मि
  3. वधु + उर्मि
  4. वधु + ऊर्मि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : वधू + ऊर्मि

संधि सामान्य Question 6 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 ‘वधू + ऊर्मि है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

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  • दिए गए विकल्पों में से वधूर्मि शब्द का संधि विच्छेद 'वधू + ऊर्मि (ऊ + ऊ = ऊ)' होगा। 
  • यह दीर्घ संधि का उदाहरण है।
  • दीर्घ संधि -  ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद यदि ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ आ जाएँ तो दोनों मिलकर दीर्घ आ, ई और ऊ हो जाते हैं।

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संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।

स्वर संधि

दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि।

स्वार्थ = स्व + अर्थ

व्यंजन संधि

व्यंजन के बाद यदि किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो विकार / परिवर्तन उत्पन्न होता है वह व्यंजन संधि कहलाता है।

दिग्गज = दिक् + गज

 

विसर्ग संधि

विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।

शिरोमणि = शिर: + मणि

संधि सामान्य Question 7:

'सदानंद' में संधि होगी

  1. स्वर संधि
  2. व्यंजन संधि
  3. विसर्ग संधि
  4. यण संधि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : व्यंजन संधि

संधि सामान्य Question 7 Detailed Solution

'सदानंद' में व्यंजन संधि है। शेष विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। अतः विकल्प 2 व्यंजन संधि​’ सही उत्तर है।

Key Points

  • 'सदानंद' में व्यंजन संधि है।
  • सत् + आनन्द = सदानंद (त् + आ = द्), यहाँ 'त्' और 'आ' के मेल से 'द्बना है। 
  • ‘व्यंजन संधि’ में जब किसी वर्ग के पहले वर्ण (क्, च्, ट्, त्, प्) का मिलन किसी वर्ग के तीसरे या चौथे वर्ण से या (य्, र्, ल्, व्, ह) से या किसी स्वर से हो जाये तो क् को ग् , च् को ज् , ट् को ड् , त् को द् , और प् को ब् में बदल दिया जाता है।

अन्य विकल्प - 

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर संधि

दो स्वरों के मेल से होने वाले विकार (परिवर्तन) को स्वर-संधि कहते हैं। स्वर संधि को अच् संधि भी कहते हैं।

अत्र + अस्ति = अत्रास्ति 

विसर्ग संधि

विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन वर्ण के आने पर विसर्ग में जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।

नम: + कार  = नमस्कार 

यण संधि

जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' य ' बन जाता है, जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' व् ' बन जाता है , जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' र ' बन जाता है।

अति + अधिक : अत्यधिक

 

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

संधि सामान्य Question 8:

'स्वर संधि' के कितने भेद होते हैं ?

  1. तीन
  2. चार
  3. छह
  4. पाँच

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : पाँच

संधि सामान्य Question 8 Detailed Solution

स्वर संधि के 5  भेद होते है। Key Points

  • स्वर के साथ स्वर का मेल होने पर जो विकार होता है, उसे स्वर सन्धि कहते हैं।
    • अन्य शब्दों में :
    • जब दो स्वर आपस में जुड़ते हैं या दो स्वरों के मिलने से उनमें जो परिवर्तन आता है, तो वह स्वर संधि कहलाती है। 
  • जैसे :
    • विद्यालय : विद्या + आलय 
    • इस उदाहरण में आप देख सकते है कि जब दो स्वरों को मिलाया गया तो मुख्य शब्द में हमें अंतर देखने को मिला।
    • दो आ मिले एवं उनमे से एक आ का लोप हो गया
Additional Information
स्वर के भेद  परिभाषा 

दीर्घ संधि                                                                 

जब ऐसा होता है तो हम इसे दीर्घ संधि कहते है। इस संधि को ह्रस्व संधि भी कहा जाता है।

उदाहरण:
विद्या + अभ्यास : विद्याभ्यास (आ + अ = आ)

गुण संधि

जब संधि करते समय  (अ, आ) के साथ (इ , ई) हो तो ‘ए‘ बनता है, जब (अ ,आ)के साथ (उ , ऊ) हो तो ‘ओ‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर‘ बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है।

उदाहरण:
महा + उत्सव :  महोत्सव  (आ + उ = ओ)

वृद्धि संधि


जब संधि करते समय जब अ , आ  के साथ  ए , ऐ  हो तो ‘ ऐ ‘ बनता है और जब अ , आ  के साथ ओ , औ हो तो ‘ औ ‘ बनता है। उसे वृधि संधि कहते हैं।

उदाहरण:
महा + ऐश्वर्य : महैश्वर्य (आ + ऐ = ऐ)

यण संधि


जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ य ‘ बन जाता है, जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ व् ‘ बन जाता है , जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ र ‘ बन जाता है।

उदाहरण :
अति + अधिक : अत्यधिक (इ + अ = य)

अयादि संधि


जब संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ – आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है।

उदाहरण:
श्री + अन : श्रवण

संधि सामान्य Question 9:

'सच्छास्त्र' का उचित विच्छेद निम्न में से कौन-सा है?

  1. सत् + छास्त्र
  2. सच् + छास्त्र
  3. सच् + शास्त्र
  4. सत् + शास्त्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सत् + शास्त्र

संधि सामान्य Question 9 Detailed Solution

सही उत्तर सत् + शास्त्र  है। 

Key Points

  • 'सच्छास्त्र' का संधि-विच्छेद सत् + शास्त्र होगा। 
  • संधि का नियम (त् + श = च्छ)  (व्यंजन संधि)
  • त् का मेल यदि श् से हो तो त् को च् और श् का छ् बन जाता है।
  • जैसे - त् + श् = च्छ उत् + श्वास = उच्छ्वास
  • त् + श = च्छ उत् + शिष्ट = उच्छिष्ट 

Additional Information

संधि- दो  शब्दों के मेल से जो विकार(परिवर्तन) होता  है, उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं- 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या 

स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन 

के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

संधि सामान्य Question 10:

विपद्+जाल किस शब्द का संधि विच्छेद है?

  1. विपदजाल
  2. विपद्जाल
  3. विपज्जाल
  4. विपग्जाल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : विपज्जाल

संधि सामान्य Question 10 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में ‘विपद्+जाल’ विपज्जाल शब्द का संधि विच्छेद है, तथा व्यंजन संधि है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही विकल्प विपज्जाल है।
Confusion Points

  •  विपद्+जाल - विपज्जाल शब्द का संधि विच्छेद है, क्योंकि विपज्जाल संधियुक्त है। विपद्जाल होगा नही, क्योंकि यह संधि से रहित शब्द है।

Additional Information 

स्पष्टीकरण

यदि क्, च्,ट्, त्, प् के बाद किसी वर्ग का तृतीय या चतुर्थ वर्ण आता है या य, र, ल, व तथा कोई स्वर आये तो क्, च्, ट्, त्, प् के स्थान पर इसी वर्ग का तीसरा वर्ण आ जाता है। जैसे – जगज्जननी = जगत्+जननी।
Important Points 
  • दो शब्दोको जोडकर एक शब्द बनता है उसे संधि कहते है..
  • और उस संधि शब्द को तोडकर दो शब्द बन जाते है, उसे विच्छेद या विग्रह कहते है..
  • उदाहरण के तौर पर
  • पुस्तकालय: पुस्तक + आलय
  • परोपकार: पर + उपकार
  • परमेश्वर : परम + ईश्वर
  • इसमे पहला शब्द संधि शब्द है.. और आगे उसका विच्छेद या विग्रह..
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